"रूस का इतिहास": अवतरणों में अंतर

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आधुनिक [[रूस]] का इतिहास [[पूर्वी स्लाव लोग|पूर्वी स्लाव जाति]] से शुरू होता है। स्लाव जाति जो आज [[पूर्वी यूरोप]] में बसती है का सबसे पुराना गढ़ [[कीव]] था जहाँ ९वीं सदी में स्थापित [[कीवी रुस साम्राज्य]] आधुनिक रूस की आधारशिला के रूप में माना जाता है। हाँलांकि उस क्षेत्र में इससे पहले भी साम्राज्य रहे थे पर वे दूसरी जातियों के थे और उन जातियों के लोग आज भी रूस में रहते हैं - [[ख़ज़र लोग|ख़ज़र]] और अन्य [[तुर्क]] लोग। कीवि रुसों को [[मंगोल|मंगोलों]] के महाभियान में १२३० के आसपास परास्त किया गया लेकिन १३८० के दशक में मंगोलों का पतन आरंभ हुआ और मॉस्को (रूसी भाषा में मॉस्कवा) का उदय एक सैन्य राजधानी के रूप में हुआ। १७वीं से १९वीं सदी के मध्य में रूसी साम्रज्य का अत्यधिक विस्तार हुआ। यह [[प्रशान्त महासागर|प्रशांत महासागर]] से लेकर बाल्टिक सागर और [[मध्य एशिया]] तक फैल गया। [[पहला विश्व युद्ध|प्रथम विश्वयुद्ध]] में रूस को ख़ासी आंतरिक कठिनाइयों का समना करना पड़ा और १९१७ की [[रूसी क्रांति|बोल्शेविक क्रांति]] के बाद रूस युद्ध से अलग हो गया। [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] में अपराजेय लगने वाली जर्मन सेना के ख़िलाफ अप्रत्याशित अवरोध तथा अन्ततः विजय प्रदर्शित करन के बाद रूस तथा वहाँ के साम्यवादी नायक जोसेफ स्टालिन की धाक दुनिया की राजनीति में बढ़ी। उद्योगों की उत्पादक क्षमता और देश की आर्थिक स्थिति में उतार चढ़ाव आते रहे। १९३० के दशके में ही साम्यवादी गणराज्यों के समूह [[सोवियत संघ|सोवियत रूस]] का जन्म हुआ था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद शीत युद्ध के काल के गुजरे इस संघ का विघटन १९९१ में हो गया।
 
== प्राचीन काल और मॉस्को का उदय ==
[[चित्र:Kievan Rus en.jpg|right|thumb|500px| 11वीं सदी में कीवि रुस साम्राज्य]]
कीवि रूसों के मूल के बारे में अनेक मत हैं। स्कैंडिनेवी [[वाइकिंग]] लोगों ने स्तेपी में पहले से अवस्थित [[ख़ज़ार]] लोगों को विस्थापित करके कीव (आधुनिक [[युक्रेन|यूक्रेन]]) में अपनी राजधानी बनाई। यहीं से रूसी साम्राज्य का इतिहास आरंभ होता है। यह कीवि साम्राज्य अगले ३०० सालों तक अस्तित्व में रहा। इस साम्राज्य ने उत्तरी यूरोप तथा मुस्लिम [[ख़िलाफ़त ए अब्बासिया|अब्बासी ख़िलाफत]] के बीच संपर्क का काम किया। हाँलांकि यह खज़ार लोगों द्वारा स्थापित व्यापार मार्ग का अनुकरण मात्र था। ख़जर लोगों ने आठवीं सदी में [[यहूदी धर्म]] को अपना लिया था। नौवीं सदी में रुसों ने इस्लाम को राजधर्म को लागू करने की बात भी शुरु की थी। इसका कारण ये था कि इस्लाम में कई पत्नियों को रखने की इजाजत थी जिससे कि तत्कालीन राजकुमार व्लादिमीर बहुत आकर्षित हुआ था। पर इस्लाम में शराब की सख़्त मनाही की वजह से उसने इस्लाम अपनाने का विचार छोड़ दिया और सन् ९८८ में रूसी साम्राज्य ईसाईयत में संस्कृत हुआ।
 
=== मंगोल आक्रमण ===
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=== रूसी साम्राज्य का विस्तार ===
[[ईवाँ तृतीय|इवान तृतीय]], जिसे 'महान' की उपाधि से भी संबोधित किया जाता है, ने रूसी साम्राज्य का विस्तार यूरोप में किया। सबसे पहले उसने [[लिथुआनिया]] के शासक को हराया और अंततः उसका साम्राज्य तीन गुना फैल गया। इसके बाद इवान चतुर्थ आया जिसे 'इवान भयंकर' कहकर भी याद करते हैं। उसने सामंतों के खिलाफ़ सख़्ती दिखाई और जो लोग उसके खिलाफ होते उसे मार भी दिया गया। इवान चतुर्थ के बाद आराजकता का माहौल रहा। उसके बेटा संतानहीन मर गया और कई वर्षों तक सत्ता अनेक हाथो में जाती रही। इसके बाद [[मिखाइल रोमानोव]] को शासक बनाया गया। रोमानोव के वंश ने अगले ३०० सालों तक रूस पर राज्य किया।
 
१६१३ में रोमानोव के शासक बनने के बाद सत्ता में स्थिरता तो आई पर पश्चिमी यूरोप में हुए औद्योगिक क्रांति तथा वैज्ञानिक खोजों की वजह से रूस फिर भी पिछड़ा हुआ रहा। इसके बाद पीटर के शासनकाल में इसमें सुधार आया। पीटर ने पश्चिमी यूरोप का दौरा छद्मवेष में किया और इस तरह यूरोप की प्रगति पर निगाह डालता रहा। इस क्रम में, कहा जाता है कि, उसने एक बार [[नीदरलैण्ड|हॉलैंड]] की किसी जहाज कंपनी में बढ़ई का काम भी किया। लौटने के बाद पीटर ने भी रूस का आधुनिकीकरण आरंभ किया। पीटर ने सैन्य सुधार, वेष-भूषा सुधार तथा कैलेंडर में सुधार करवाए। उसने स्वेड लोगों को हराकर [[बाल्टिक सागर]] के पत्तनों पर अधिपत्य जमाया और इस तरह व्यापार के नए अवसर मिले। साम्राज्य को जीर्णता से उबारने के लिए उसने १७०३ में साम्राज्य की नई राजधानी का निर्माण कराया जिसे आज सेंट पीटर्सबर्ग कहते हैं।
 
पीटर की मृत्यु के ४० साल बाद कैथरीन को गद्दी मिली जो जर्मन मूल की थी। उसने पीटर के पोते से शादी की थी। उसने रूसी साम्राज्य तथा इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। कैथरीन के समय के सेनाध्यक्ष अलेक्ज़ेंडर सुवोरोव ने एक भी युद्ध न हारने का कीर्तिमान बनाया और १७९९ में इटली में नेपोलियन की फ्रेंच सेना के साथ हुए मुकाबिले के बाद वापस आने में कामयाबी दिखाई।
[[चित्र:Napoleons retreat from moscow.jpg|left|thumb|240px|नेपोलियन की रूस से वापसी - इस युद्ध ने नेपोलियन के विजय अभियान पर आघात किया था ]]
 
परन्तु [[नेपोलियन बोनापार्ट|नेपोलियन]] १८१२ में रूस पर आक्रमण करने दुबारा आया। उसने [[मास्को|मॉस्को]] की घेराबंदी कर रूसी साम्राज्य पर समर्पण का दबाब डाला। पर ग्रामीण गुरिल्ला युद्ध और इस समय अत्यधिक ठंड की वजह से फ्रासिसी सेना को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और अंततः नेपोलियन की हार हुई। इस युद्ध ने [[लेव तोलस्तोय|लियो तोलस्तोय]] कए विश्व-प्रसिद्ध उपन्यास को जन्म दिया जिसका नाम था - [[युद्ध और शान्ति|युद्ध और शांति]]।
 
== औद्योगीकरण और साम्यवाद ==
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=== प्रथम विश्वयुद्ध ===
[[पहला विश्व युद्ध|प्रथम विश्वयुद्ध]] की शुरुआत यूरोप में 1914 में हुई। सेंट पीटर्सबर्ग़ का नाम बदलकर पेत्रोग्राद कर दिया गया। कारण ये था कि पुराना नाम जर्मन लगता था जबकि पेत्रोग्राद पूर्णरूपेण रूसी था - इससे देशभक्ति लाने का अंदेशा था। लेकिन सैन्य विफलताओं तथा खाद्य साधनों की कमी की वजह से मजदूरों तथा सैनिकों में असंतोष फैल गया। फरवरी 1917 में पेत्रोग्राद में विद्रोह हुए जिसके फलस्वरूप ज़ार निकोलस द्वितीय का अपहरण कर लिया गया। इस घटना के साथ ही रूस में पिछले ३०० सालों से चले आ रहे साम्राज्य का अन्त हुआ और साम्यवाद की नींव रख दी गई। हाँलांकि साम्यवादियों को सत्ताधिकार तुरंत नहीं मिला। रूस युद्ध से अलग हो चुका था। इधर निकोलस के परिवार को कैद कर रखा गया और 16-17 जुलाई 1918 की रात को उनकी हत्या कर दी गई।
 
लगातार निराश हो चुकी रूसी जनता द्वारा बोल्शेविकों को समर्थन मिलने लगा था और इस समर्थन में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही थी। अपने नेता [[व्लादिमीर लेनिन]] के नेतृत्व में बोल्शेविकों में २५ अक्टूबर को सत्ता पर अधिकार कर लिया। इस घटना का विश्व इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यह विश्व में पहली बार किसी साम्यवादी शासन की स्थापना का क्षण था। इस घटना को [[अक्टूबर क्रांति]] के नाम से जाना जाता था। रूस में इस समय तक [[जूलियन कैलेंडर]] का इस्तेमाल होता था जो पुराना था और उसमें सूर्य की परिक्रमा करने में पृथ्वी के द्वारा लगाए गए दिनों का अंशात्मक हिसाब नहीं था। यूरोप के कई देश (जैसे इंग्लैंड) पहले से ही [[ग्रेगोरी कैलेंडर|ग्रेगोरियन कैलेंडर]] - जो आजकल प्रयुक्त होता है - का प्रयोग शुरु कर चुके थे। इस कैलेंडर में इस दोष का निवारण था: अब तक की गई इन ग़लतियो के एवज में वर्तमान तिथि में १३ दिन और जोड़ देना। इसको अपनाने के बाद २५ अक्टूबर (क्रांति का दिन) ७ नवम्बर को आने लगा। हाँलांकि इस घटना को अक्टूबर क्रांति कहते हैं पर इसे ७ नवम्बर को मनाया जाता है।
 
रूस के युद्ध से अलग होने के कुछ ही दिनों बाद भयंकर अशांति का माहौल फैल गया। बोल्शेविकों को पेत्रोग्राद तथा मॉस्को में तो बहुत समर्थन मिला पर संपूर्ण देश के परिदृश्य में वे राजनैतिक रूप से बहुत अछूते थे। एक विद्वेषपूर्ण आतरिक युद्ध सी स्थिति पैदा हो गई। बोल्शेविकों द्वारा स्थापित लाल सेना तथा रूस की राजनैतिक तथा सैनिक संस्थाओं द्वारा गठित श्वेत सेना में संघर्ष छिड़ गया। इसके अलावे हरी सेना तथा काली सेना नाम के भी संगठन बने जो इन दोनों के ख़िलाफ़ थे। १९२२ में अंततः लाल सेना की विजय हुई।
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== सोवियत संघ का विघटन ==
गोर्बाचेव के शासनकाल में दो पद बहुत ही प्रसिद्ध हुए - ''ग्लासनोश्त'' और 'पेरेस्त्रोइका'। ग्लासनोश्त का अर्थ होता है - खुलापन और पेरेस्तोरइका का मतलब - पुनर्निर्माण। उन्होंने राजनैतिक बंदियों को रिहा किया और पूर्वी योरोप में हस्तक्षेप से बचने की नीति अपनाई। धीरे-धीरे विसाम्यवादी प्रदर्शनों की वजह से उनका सरकारें गिरती गईं। १९८९ में [[बर्लिन की दीवार]] भी ढहा दी गई और पूर्वी तथा पश्चिमी जर्मनी का एकीकरण हुआ। इस घटना को आज भी साम्यवाद की असफलता के आरंभिक निशान के रूप में देखा जाता है। इसी साल सोवियत सेना [[अफ़ग़ानिस्तान]] से भी हट गई। ये सब बातें पुनर्निर्माण यानि पेरेस्तोरइका के लिये तो एक प्रतीक बनीं पर ग्लासनोश्त को उतनी लोकप्रियता नहीं मिली। १९८६ में [[चेर्नोबिल]] में हुए परमाणु उर्जागृह में हुई दुर्घटना को सरकारी मीडिया द्वारा छुपाने और दबाने की कोशिश की गई। ग्लाशनोश्त की वजह से सोवियत संघ के घटक देशों में राष्ट्रवादी प्रदर्शनों को अवसर और ध्यान दिया गया। मार्च १९९० में गोर्बाचेव सोवियत संघ के राष्ट्रपति बने। १९९१ में जब गोर्बाचेव [[क्रीमिया]] में एक छुट्टी पर थे तब [[तख्तापलट]] की कोशिश हुई और गोर्बाचेव को तीन दिनों तक नजरबंद किया गया। इधर मॉस्को में [[बोरिस येल्तसिन]] का समर्थन बढ़ गया था और उन्हें राष्ट्रपति बना दिया गया। सोवियत संघ के कई देशों ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी। ८ दिसम्बर १९९१ को [[बेलारूस|बेलारुस]], [[युक्रेन|यूक्रेन]] और [[रूस]] के राष्ट्रपतियों ने मिलकर सोवियत संघ के भंजन का फैसला किया।
 
== इन्हें भी देखें==