"शराबी (1984 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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'''शराबी''' 1984 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है। यह प्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित है। अमिताभ बच्चन के साथ मेहरा की ये लगातार छठी फिल्म थी। [[भारत भूषण]] और [[रंजीत]] के अलावा [[प्राण (अभिनेता)|प्राण]] और [[ओम प्रकाश]] के साथ [[अमिताभ बच्चन]] और [[जयाप्रदा]] ने मुख्य किरदार निभाया। संगीत [[बप्पी लाहिड़ी|बप्पी लहरी]] द्वारा रचित था। यह बॉक्स ऑफिस पर एक हिट बन गई।
 
== संक्षेप ==
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== संगीत ==
इस एल्बम का संगीत [[बप्पी लाहिड़ी|बप्पी लहरी]] द्वारा रचित है और सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने वाला उनका यह संगीत उनके महानतम कार्यों में से एक माना जाता है। एल्बम के सभी गाने हिट थे। किशोर कुमार ने सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक के लिए अपना 7वां फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। किशोर कुमार इस एल्बम के चार गीतों के लिए उस वर्ष के लिए अकेले ही नामित गायक थे जो कि आज तक एक रिकॉर्ड है। वह गीत थे: "दे दे प्यार दे", "इंतहा हो गई", "लोग कहते हैं", और "मंजिलें अपनी जगह है", आखिरी गीत के लिए उन्होंने अंतत पुरस्कार जीता। "लोग कहते हैं" जिसके लिये किशोर कुमार नामांकित किए गये, "मुझे नौलखा मंगा दे" का ही भाग है। इस भाग में केवल उन्होंने ही गायन किया है।
{{Track listing
| extra_column = गायक
| title1 = मुझे नौलखा मंगा दे | extra1 = [[आशा भोसले|आशा भोंसले]], [[किशोर कुमार]] | length1 = 10:56 | lyrics1 = [[अनजान]]
| title2 = मंजिलें अपनी जगह है | extra2 = किशोर कुमार | length2 = 5:55 | lyrics2 = अनजान
| title3 = जहाँ मिल जायें चार यार | extra3 = किशोर कुमार, अमिताभ बच्चन | length3 = 6:36 | lyrics3 = अनजान, प्रकाश मेहरा