"नंददुलारे वाजपेयी": अवतरणों में अंतर

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== जीवनी ==
नंददुलारे वाजपेयी का जन्म [[उन्नाव]] जिले के मगरायल नामक ग्राम में सन् 1906 ई. में हुआ था। उनके पिता का नाम गोवर्धन लाल वाजपेयी तथा माता का नाम जनकदुलारी था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा [[हज़ारीबाग|हजारीबाग]] में संपन्न हुई। उन्होंने विश्वविद्यालय परीक्षा [[काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय|काशी हिंदू विश्वविद्यालय]] से उत्तीर्ण की।
 
उनका विवाह श्रीमती सावित्री देवी से 1925 के जनवरी महा में हुआ था। उस समय वाजपेयी जी लगभग 18 वर्ष के थे। सन 1936 में उनके प्रथम पुत्र का जन्म हुआ। इसके बाद 1941 में पुत्री व 1945 पुर्ण दुसरे पुत्र का जन्म हुआ।
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* छोटे बेटे सूनृत जी का जन्म 14.1.1945 में मक्रर संक्राति को काशी में हुआ था।
 
वे कुछ समय तक "[[भारत]]", के संपादक रहे। उन्होंने [[नागरी प्रचारिणीनागरीप्रचारिणी सभा|काशी नागरीप्रचारिणी सभा]] में "[[सूरसागर]]" का तथा बाद में [[गीताप्रेस|गीता प्रेस]], [[गोरखपुर]] में [[श्रीरामचरितमानस|रामचरितमानस]] का संपादन किया। वाजपेयी जी कुछ समय तक [[काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय|काशी हिंदू विश्वविद्यालय]] के हिंदीविभाग में अध्यापक तथा कई वर्षों तक [[डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय|सागर विश्वविद्यालय]] के हिंदीविभाग के अध्यक्ष रहे। मृत्यु के समय वे [[विक्रम विश्वविद्यालय]], [[उज्जैन]] के उपकुलपति थे। 21 अगस्त 1967 को उज्जैन में हिंदी के वरिष्ठ आलोचक आचार्य वाजपेयी जी का अचानक निधन हो गया जिससे हिंदी संसार की दुर्भाग्यपूर्ण क्षति हुई।
 
शुक्लोत्तर समीक्षा को नया संबल देनेवाले स्वच्छंदतावादी समीक्षक आचार्य वाजपेयी का आगमन [[छायावाद युग|छायावाद]] के उन्नायक के रूप में हुआ था। उन्होंने छायावाद द्वारा हिंदीकाव्य में आए नवोन्मेष का, नवीन सौंदर्य का स्वागत एवं सहृदय मूल्याकंन किया। अपने गुरु [[रामचन्द्र शुक्ल|आचार्य शुक्ल]] से बहुत दूर तक प्रभावित होते हुए भी उन्होंने [[काव्यशास्त्र|भारतीय काव्यशास्त्र]] की आधारभूत मान्यताओं के माध्यम से युग की संवेदनाओं को ग्रहण करते हुए, कवियों, लेखकों या कृतियों की वस्तुपरक आलोचनाएँ प्रस्तुत कीं। वे [[भाषा]] को साध्य न मानकर साधन मानते थे।
 
== कृतियाँ ==