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[[चित्र:Tizi Ouzou Tasdawit.jpg|thumb|210px|[[अल्जीरिया]] के तीज़ी ऊज़ू विश्वविद्यालय में अरबी, बर्बरी और फ़्रांसिसी में लिखे त्रिभाषीय चिन्ह]]
[[चित्र:Berbers.png|thumb|210px|[[उत्तर अफ़्रीका]] के बर्बरी उपभाषाएँ बोलने वाले क्षेत्र - शिल्हा (हल्का नीला), कबाइली (लाल), मध्य तैमैज़िग़्त (गुलाबी), तरीफ़ित (पीला), शाविया (हरा), तुआरग (गाढ़ा नीला), [[मरूद्यान|नख़लिस्तान]] क्षेत्र (ओएसिस के क्षेत्र - नारंगी)]]
[[चित्र:Moroccan stop sign in Arabic and Berber.svg|thumb|210px|[[अरबी भाषा|अरबी]] और बर्बरी में लिखा एक द्विभाषीय सड़क चिन्ह - अरबी लिपि में 'कफ़' और तिफ़िनग़ लिपि में 'बॅद' लिखा है, जिनका अर्थ है 'रुको!']]
[[चित्र:Tinifagh intedeni.jpg|thumb|210px|सहारा रेगिस्तान के उत्तरपूर्वी भाग में चट्टानों पर बर्बरी की ऐसी प्राचीन लिखईयाँ अक्सर मिल जाती हैं]]
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भाषावैज्ञानिक नज़रिए से इन्हें अफ़्रो-एशियाई या [[सामी-हामी भाषा-परिवार]] का सदस्य माना जाता है।<ref>Hayward, Richard J., chapter ''Afroasiatic'' in Heine, Bernd & Nurse, Derek, editors, ''African Languages: An Introduction'' Cambridge 2000. ISBN 0-521-66629-5.
पृष्ठ 74 पर लिखे हुए एक जुमले से ("बर्बर भाषाओँ को अफ़्रो-एशियाई भाषा परिवार में डालना सब से कम विवादित विकल्प लगता है") प्रतीत होता है के बर्बरी के भाषा परिवार पर भाषावैज्ञानिकों में कुछ आपसी मतभेद तो है।</ref> बर्बर भाषाओं के छह प्रमुख शाखाएँ हैं -
* '''शिल्हा''' या '''ताशेलहित''' - इसे सब से अधिक [[अतलास पर्वत|एटलस पर्वतों]] के ऊँचे इलाकों में बोला जाता है और इसे बोलने वालों की संख्या क़रीब 80 लाख है
* '''कबाइली''' - इसे उत्तरपश्चिमी [[अल्जीरिया]] के कबाइली लोग बोलते हैं और इसके मातृभाषियों की संख्या 50 लाख से 70 लाख के बीच अनुमानित की जाती है
* '''मध्य तैमैज़िग़्त''' - इसे मध्य [[मोरक्को]] में बोला जाता है और इसके मातृभाषियों की संख्या 30 लाख से 50 लाख के बीच अनुमानित की जाती है
* '''तरीफ़ित''' या '''रीफ़''' - इसे उत्तरी [[मोरक्को]] के "रीफ़" नाम के पहाड़ी क्षेत्र में बोला जाता है और इसके मातृभाषियों की संख्या 40 लाख अनुमानित की जाती है
* '''शाविया''' - इसे पूर्वी अल्जीरिया के शाविया लोग बोलते हैं और इसके मातृभाषियों की संख्या 20 लाख अनुमानित की जाती है
* '''तुआरग''' - इसे [[माली]], [[नाइजर]], अल्जीरिया, [[लीबिया]], [[बुर्किना फासो|बुर्किना फ़ासो]] और [[चाड]] के तुआराग लोग बोलते हैं और इसके मातृभाषियों की संख्या 12 लाख अनुमानित की जाती है
किसी एक शाखा की बर्बर उपभाषा बोलने वाले को किसी अन्य शाखा की बोली पूरी तरह समझ नहीं आती क्योंकि इन शाखाओं में शब्दों और [[लहजा (भाषाविज्ञान)|लहजे]] का आपसी फ़र्क़ हो गया है।
 
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== व्याकरण ==
[[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] में संज्ञाओं का लिंग नहीं होता, जबकि [[हिन्दी]] में संज्ञाएँ स्त्रीलिंग या पुल्लिंग होती हैं (उदाहरण के लिए 'हाथ' 'होता' है, 'होती' नहीं है)। बर्बरी इस मामले में हिन्दी की तरह है। पुल्लिंग संज्ञाएँ 'अ/आ', 'उ/ऊ' या 'इ/ई' से शुरु होती हैं -
 
:अफ़ूस - हाथ