"जेम्स षष्ठम और प्रथम": अवतरणों में अंतर

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'''जेम्स प्रथम''' (१५६६-१६२५) [[ग्रेट ब्रिटेन]] तथा [[आयरलैण्ड|आयरलैंड]] का शासक (१६०३-२५) था जो 'जेम्स षष्ठ' (१५२७-१६२५) के नाम से [[स्कॉट्लैण्ड|स्काटलैंड]] का शासक भी था। वह [[मेरी स्काट]] तथा उसके द्वितीय पति [[लार्ड डार्नले]] की एकमात्र संतान होने के साथ साथ [[हेनरी सप्तम]] की पुत्री [[मार्गरेट]] का पौत्र था। स्काटलैंड के शासक की स्थिति से उसने सांमतों की शक्ति को विघटित किया था।
 
[[डेनमार्क]] की ऐन से उसने १५८९ ई॰ [[विवाह]] किया। १६०३ ई॰ में इंग्लैंड का शासक होने पर इंग्लैंड और स्काटलैंड दोनों राजसत्ताओं को एक किया। अत्यधिक विद्वान तथा कौशलहीन होने के कारण उसे [[क्रिसेन्डम]] के 'सबसे बुद्धिमान मूर्ख' की उपाधि मिली थी। [[राजा का दैवी अधिकार|राजा के दैवी अधिकार]] का कट्टर पोषक होने के कारण उसने एक [[चर्च]]प्रधान राज्य संचालन की नीति अपनाई। प्रारंभिक वर्षों में उसके प्रमुख सलाहकार सैलिसबरी का अर्ल तथा बकिंघम का ड्यूक थे। उसके शासन से राजा तथा संसद् के दीर्घकालीन संघर्ष का प्रारंभ होता है। उसके शासन में सब मिलाकर चार संसदें आयोजित हुईं। यद्यपि जेम्स विधान के अतिक्रमण करने का दोषी नहीं था पर वह उसकी प्रतिष्ठा का सही अनुमान नहीं लगा सकता था। संघर्ष के प्रमुख कारण धर्म, कर-व्यवस्था, वैदेशिक नीति थे। बिना पार्लिमेंट की स्वीकृति के जेम्स ने इम्पोजीशन्स नामक टैक्स लगाए। पार्लिमेंट ने राजा के मंत्रियों पर लगाया जानेवाला इम्पीचमेंट का प्राचीन अधिकार पुनर्जीवित किया। जेम्स की वैदेशिक नीति ने जिसका उद्देश्य [[स्पेन]] से मैत्रीपूर्ण व्यवहार तथा साधारण शांति स्थापित करना था, उस जनता को अप्रसन्न कर दिया जो [[तीसवर्षीय युद्ध|तीस वर्षीय युद्ध]] में यह आशा करती थी कि जेम्स, पैलेटाइन के इलेक्टर फ्रेडरिक की, जो कि उसका दामाद था, सहायता करेगा। अपने पुत्र चार्ल्स का विवाह स्पेन की राजकुमारी से कराने में असफल होने पर जेम्स ने १६२४ ई॰ में स्पेन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की। जेम्स ने मध्यम श्रेणी की साहित्यिक रचनाएँ अपने पीछे छोड़ीं।
 
[[श्रेणी:यूके का इतिहास]]