"भारतीय प्रायद्वीप": अवतरणों में अंतर

छो 171.76.186.187 (Talk) के संपादनों को हटाकर 1.39.208.161 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया SWViewer [1.3]
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 2:
[[File:Indian-peninsula.png|thumb|भारतीय प्रायद्वीपीय क्षेत्र]]
'''प्रायद्वीप'''खंड की उत्तरी सीमा कटी-फ़टी है, जो कच्छ से आरंभ होकर अरावली पहाड़ियों के पश्चिम से गुजरती हुई दिल्ली तक और फिर यमुना व गंगा नदी के समानांतर राजमहल की पहाड़ियों व गंगा डेल्टा तक जाती है। इसके अतिरिक्त उत्तर-पूर्व में कर्बी ऐंगलॉग ;ज्ञंतइप। दहसवदह व मेघालय का पठार तथा पश्चिम में राजस्थान भी इसी खंड के विस्तार हैं। पश्चिम बंगाल में मालदा भ्रंश उत्तरी-पूर्वी भाग में स्थित मेघालय व कर्बी ऐंगलॉग पठार को छोटा नागपुर पठार से अलग करता है। राजस्थान में यह प्रायद्वीपीय खंड मरुस्थल व मरुस्थल सदृश्य स्थलाकॄतियों से ढका हुआ है। प्रायद्वीप मुख्यत: प्राचीन नाइस व ग्रेनाईट से बना है। केम्ब्रियन कल्प से यह भूखंड एक कठोर खंड के रूप में खड़ा है। अपवाद स्वरूप पश्चिमी तट समुद्र में डूबा होने और कुछ हिस्से विवर्तनिक क्रियाओं से परिवर्तित होने के उपरान्त भी इस भूखंड के वास्तविक आधार तल पर प्रभाव नहीं पड़ता है। [[हिन्द-ऑस्ट्रेलियाई तख़्ते]] का हिस्सा होने के कारण यह उधर्वाधर हलचलों व खंड भ्रंश से प्रभावित है। नर्मदा, तापी और महानदी की रिफट घाटियाँ और सतपुड़ा ब्लॉक पर्वत इसके उदाहरण हैं। प्रायद्वीप में मुख्यत: अवशिष्ट पहाड़ियाँ शामिल हैं, जैसे - अरावली, नल्लामाला, जावादी, वेलीकोण्डा, पालकोण्डा श्रेणी और महेंद्रगिरी पहाड़ियाँ आदि। यहाँ की नदी घाटियाँ उथली और उनकी प्रवणता कम होती है। पूर्व की ओर बहने वाली अधिकांश नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले डेल्टा निर्माण करती हैं। महानदी, गोदावरी और कॄष्णा द्वारा निर्मित डेल्टा इसके उदाहरण हैं।
इसकी लंबाई उतर से द. 1600km है व पश्चिमी से पूर्व 1400km है
 
== हिमालय और अन्य अतिरिक्त-प्रायद्वीपीय पर्वतमालाएँ ==