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[[File:English Bill of Rights of 1689.jpg|right|thumb|अंग्रेज़ी '''बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९''', ने अधिराट् के शासन शक्तियों को काफी हद तक समेट दिया था।]]
 
'''बिल ऑफ़ राइट्स''', यानि '''अधिकाओं का विधेयक''', [[इंग्लैंड की संसद]] द्वारा १६ दिसंबर १६८९ में पारित एक [[अधिनियम]] था, जो संवैधानिक मामलों और [[नागरिक अधिकार|नागरिक अधिकारों]] को स्थापित करता है। यह विधेयक मूलतः, [[कन्वेन्शन पार्लियामेंट]](अनधिकृत-आहूत संसद) द्वारा [[इंग्लैंड के विलियम तृतीय|राजा विलियम]] और [[इंग्लैंड की मैरी द्वितीय|रानी मैरी द्वितीय]] के समक्ष, फ़रवरी १६८९ को पेश किये गए ''[[डिक्लेरेशन ऑफ़ राइट्स]]''(अधिकारों का घोषणापत्र) का ही एक सांविधिक रूप में पुनःकथित अवतार था। इसे इंग्लैंड के [[गौरवशाली क्रांति]] के बाद लाया गया था। इस ''डिक्लेरेशन'' द्वारा कन्वेंशन पार्लियामेंट ने विलियम और मैरी को [[इंग्लैण्ड|इंग्लैंड]] पर साँझा रूप से शासन करने के लिए आमंत्रित किया था। बिल ऑफ़ राइट्स, [[ब्रिटिश एकराट्तंत्रराजतंत्र|संप्रभु]] के अधिकारों की सीमाएं तय करती है, और साथ ही संसद के अधिकारों को भी अंकित करती है। संसद के लिए निर्धारित किये गए अधिकारों में, नियमित संसदीय सत्र, मुक्त चुनाव और संसद में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे अदिकार शामिल किये गए थे। इसके अलावा यह कई नागरिक अधिकारों को भी स्थापित करता है, जिनमें, क्रूर और असामान्य दण्ड प्रदान करने पर रोक, और न्यायिक दायरे में [[प्रोटोस्टेंट]] लोगों को आत्मरक्षा हेतु शस्त्र रखने की अनुमति शामिल हैं। इसके अलावा यह, निष्कासित शासक, [[इंग्लैंड के जेम्स द्वितीय]] के अनेक "दुष्कर्मों" को अंकित करता है, और उनकी निंदा करता है।
 
इस विधेयक में दिए गए प्रावधान, प्रसिद्ध राजनीतिक दार्शनिक, [[जॉन लॉक]] के विचारों को प्रदर्शित करते हैं, और पारित होने के साथ ही यह विचार, शीघ्र ही पूरे [[इंग्लैण्ड|इंग्लैंड]] में लोकप्रिय हो गए। साथ ही यह [[राजमुकुट]] पर, संसद द्वारा प्रतिनिधित, जनता की मनोकामना के समकक्ष कार्य करने हेतु कई संवैधानिक आवश्यक्ताओं को अंकित करता है। [[ब्रिटेन]] में, [[मैगन कार्टा]] और कुछ अन्य अधिनियमों समेत, [[यूनाइटेड किंगडम का संविधान|ब्रिटेन के असंहितबद्ध संविधान]] के मूल एवम् सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में से एक माना जाता है। साथ ही इस बिल को [[अमेरिकी अधिकार विधेयक १७८९|अमेरिकी अधिकार विधेयक]] की प्रेरणा भी माना जाता है।
 
[[ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१]] के साथ, बिल ऑफ़ राइट्स, [[ब्रिटेन]] समेत, तमाम [[राष्ट्रमण्डल प्रदेशप्रजाभूमि|१५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों में]] आज की तिथि तक लागू है। २०११ के पर्थ समझौते के बाद, इन दोनों को संशोधित करने हेतु विधान, सारे राष्ट्रमण्डल प्रदेशों में २६ मार्च २०१५ से पारित किया गया।
 
इस अधिनियम का पूरा शीर्षक मूल में इस प्रकार दिया हुआ है- ''प्रजा के अधिकारों और स्वतंत्रता की घोषणा तथा सिंहासन का उत्तराधिकार व्यवस्थित करने वाला अधिनियम''। ब्रिटिश लोकसभा द्वारा नियुक्त एक समिति ने अधिकार की घोषणा नामक जो पत्रक प्रस्तुत किया था और जिसे राजदंपति ने 19 फ़रवरी 1689 को अपनी स्वीकृति दी थी वही घोषणा इस अधिनियम की पूर्ववर्ती थी और इसकी धाराएँ प्रायः पूर्णतः उसके अनुरूप थीं। अधिकार की घोषणा में उन शर्तों का भी परिगणन था जिनके अनुसार राजदंपति को उत्तराधिकार मिला था और जिनका पालन करने की उन्होंने शपथ ली थी। इन दोनों अधिनियमों का प्रधान महत्व अंग्रेजी संविधान में राजकीय उत्तराधिकार निश्चित करने में है।