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'''पारसी धर्म''' [[फ़ारस|फारस]] का राजधर्म हुआ करता था। यह [[अवेस्ता|ज़न्द अवेस्ता]] नाम के धर्मग्रंथ पर आधारित है। इसके संस्थापक [[ज़रथुश्त्र|महात्मा ज़रथुष्ट्र]] हैं, इसलिये इसे '''ज़रथुष्ट्री धर्म''' भी कहते हैं। ऐतिहासिक रूप से पारसी धर्म की शुरुआत 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में हुई।
 
== अवेस्ता ==
ज़न्द अवेस्ता के अब कुछ ही अंश मिलते हैं। इसके सबसे पुराने भाग [[ऋग्वेद]] के तुरन्त बाद के काल के हो सकते हैं। इसकी भाषा [[अवेस्ती भाषा|अवेस्तन भाषा]] है, जो [[संस्कृत भाषा]] से बहुत, बहुत मेल खाती है।
 
पारसी धर्म की शिक्षा हैः ''हुमत, हुख्त, हुवर्श्त'' जो संस्कृत में ''सुमत, सूक्त, सुवर्तन'' अथवा ''सुबुद्धि, सुभाष, सुव्यवहार'' हुआ।
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== विश्वास ==
=== '''अहुरा मज़्दा''' ===
पारसी एक ईश्वर को मानते हैं, जिसे [[अहुरा मज़्दा]] ([[संस्कृत भाषा|संस्कृत]]: ''असुर मेधा'') (होरमज़्द) कहते हैं। उनका वर्णन वैदिक देवता [[वरुण (देव)|वरुण]] से काफ़ी मेल खाता है।
 
=== '''अग्नि''' ===
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=== '''स्पेन्ता अमेशा''' ===
[[स्पेन्ता अमेशा]] ([[संस्कृत भाषा|संस्कृत]]: ''स्पन्द अमृत'') इनके सात (अथवा छः) [[फ़रिश्तादेवदूत|.फ़रिश्ते]] हैं।
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