"फ़ूर्ये श्रेणी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Fourier Series.svg|right|thumb|250px|फूर्ये श्रेणी के आरम्भिक एक, दो, तीन या चार पदों द्वारा वर्ग तरंग फलन (square wave function) का सन्निकटीकरण (approximation)। अधिक पद जोड़ने पर प्राप्त ग्राफ, वर्ग-तरंग के ग्राफ के अधिकाधिक निकट दिखने लगता है। ]]
[[गणित]] में '''फूर्ये श्रेणी''' (Fourier series) एक ऐसी [[श्रेणी (गणित)|अनन्त श्रेणी]] है जो '''f''' आवृत्ति वाले किसी [[आवर्ती फलन]] (periodic function) को f, 2f, 3f, आदि आवृत्तियों वाले [[ज्या]] और [[कोज्या]] फलनों के योग के रूप में प्रस्तुत करती है। इसका प्रयोगे सबसे पहले [[जोसेफ फ़ूर्ये]] (१७६८ - १८३०) ने धातु की प्लेटों में [[ऊष्मा|उष्मा]] प्रवाह एवं [[तापमान]] की गणना के लिये किया था। किन्तु बाद में इसका उपयोग अनेकानेक क्षेत्रों में हुआ और यह विश्लेषण का एक क्रान्तिकारी औजार साबित हुआ।
 
इसकी सहायता से कठिन से कठिन फलन भी ज्या और कोज्या फलनों के योग के रूप में प्रकट किये जाते हैं जिससे इनसे सम्बन्धित गणितीय विश्लेषण अत्यन्त सरल हो जाते हैं।
 
== फुरिअर श्रेणी के उपयोग ==
* [[विद्युत अभियान्त्रिकी|वैद्युत प्रौद्योगिकी]] में - विद्युत [[विद्युत परिपथ|परिपथ]] में बहने वाली धारा और वोल्टता आदि की गणना में
 
* [[कम्पन]] के विश्लेषण में (यांत्रिक, ध्वनि या विद्युतचुम्बकीय कम्पन)
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* [[जोसेफ फ़ूर्ये]]
* [[फुरिअर विश्लेषण|फ़ूर्ये विश्लेषण]]
* [[फूर्ये रूपान्तर|फ़ूर्ये रूपान्तर]] (Fourier transform)
* [[मूल आवृत्‍ति]]