"इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साईन्स": अवतरणों में अंतर

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'''इण्डियन एसोसियेशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साईन्स''' (IACS) [[भारत]] के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत एक स्वायत्त शोध संस्थान है। इसकी संस्थापना 29 जुलाई 1876 को डॉ [[महेन्द्रलाल सरकार]] ने की थी। यह भारत का प्राचीनतम शोध संस्थान है।
 
यह संस्थान [[भौतिक शास्त्र|भौतिकी]], [[रसायन]], [[जीव विज्ञान|जीवविज्ञान]], [[ऊर्जा|उर्जा]], [[पॉलीमर|बहुलक]] तथा पदार्थों के सीमांतवर्ती क्षेत्रों में मौलिक शोध कार्य में समर्पित है। प्रत्येक क्षेत्र में आई ए सी एस युवा एवं प्रगतिशील शोध अध्येताओं का उनके डॉक्टरॉल कार्यक्रमों में उचित पोषण करती है।
 
[[चन्द्रशेखर वेंकटरमन|चन्द्रशेखर वेंकट रमन]] आई ए सी एस में 1907 से 1933 तक भौतिकी के विविध विषयों पर शोध कार्य करते रहे तथा 1928 में उन्होंने [[प्रकाश]] के [[प्रकीर्णन]] के प्रभाव पर अपना बहुचर्चित आविष्कार किया जिसने उन्हें ख्याति के साथ अनेक पुरस्कार भी दिलवाए जिनमें 1930 में प्राप्त [[नोबेल पुरस्कार]] भी शामिल है। अमेरिकन केमिकल सोसाइटी ने 1998 में [[रमण प्रभाव|रमन प्रभाव]] को 'अंतर्राष्ट्रीय ऐतिहासिक रासायनिक युगांतकारी घटना' की स्वीकृति प्रदान की है।
 
== बाहरी कड़ियाँ==