"शिव ब्रत लाल": अवतरणों में अंतर

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[[File:Maharishi Shiv.jpg|thumb|Maharishi Shiv Brat Lal Maharaj]]
 
'''शिव ब्रत लाल''' वर्मन का जन्म सन् 1860 ईस्वी में [[भारत]] के राज्य [[उत्तर प्रदेश]] के भदोही ज़िला में हआ था। वे 'दाता दयाल' और महर्षि जी' के नाम से भी प्रसिद्ध हुए. वे स्नातकोत्तर (एम.ए., एल.एल.डी.) तक पढ़े थे और लेखक और आध्यात्मिक [[गुरु]] के रूप में ख्याति पाई. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने विभिन्न विषयों यथा सामाजिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर लगभग 3000 पुस्तकें और पुस्तिकाएँ लिखीं. [[संत मत]], [[राधास्वामी|राधास्वामी मत]] और [[सुरत शब्द योग]] आदि पर लिखी उनकी अनेक पुस्तकों के कारण उन्हें 'राधास्वामी मत का वेद व्यास' भी कहा गया। “पूरी तरह, हर तरह और हर बात में मनुष्य बनो” उनकी प्रसिद्ध उक्ति है।.<ref>{{cite book
|title=अंतर्राष्ट्रीय मानवता केंद्र
|author=भगत मुंशीराम
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== शिव ब्रत लाल - एक लेखक ==
 
एक उर्दू साप्ताहिक 'आर्य गज़ट' के संपादक के तौर पर कार्य करने के लिए वे [[लाहौर]] चले गए। 01 अगस्त 1907 को उन्होंने अपनी एक पत्रिका 'साधु' शुरू की। बहुत जल्द यह लोकप्रिय हो गई। एक लेखक के रूप में वे स्थापित हुए. उन्होंने अपने जीवन काल में लगभग 3000 पुस्तकों, पुस्तिकाओं और पत्रिकाओं का लेखन और संपादन किया। इनकी भाषा हिंदी के अतिरिक्त [[उर्दू भाषा|उर्दू]] और [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] भी रही। वे [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] के भी अच्छे जानकार थे। उनके लेखन में विषयों की विविधता उनकी विशेष पहचान है। उनके गहन ज्ञान की झलक इनकी पुस्तकों में भरी जानकारी से हो जाती है जिनमें सामाजिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों का विषद विवरण है। इनकी पुस्तकें 'लाइट ऑन आनंद योग', 'दयाल योग' और 'शब्द योग' बहुत प्रसिद्ध हुईं.<ref>[http://www.bookfinder.com/dir/i/Light_on_Ananda_Yoga-The_Yoga_of_Happiness/089142041X/ BookFinder.com]</ref><ref>[http://groups.yahoo.com/group/RADHASOAMI-REALITY/message/42 Shiv Brat Lal's "Light On Ananda Yoga" Quotes]</ref><ref>[http://groups.yahoo.com/group/SantMatFellowship/message/460 Shiv Brat Lal's "Dayal Yoga" Quotes]</ref><ref>[http://blog.360.yahoo.com/blog-l16yy60ieqhTMgviWNrHwYwVdVE9Fw--?cq=1&p=414 Shiv Brat Lal's "Dayal Yoga" Quotes 2]</ref>
 
दाता दयाल की राधास्वामी आध्यात्मिक आंदोलन पर लिखी अन्य प्रसिद्ध पुस्तकें हैं:<ref>[http://www.radhaswamidinod.org/library.htm Radhaswamidinod.org: Books by Maharishi ji]</ref>
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== महर्षि शिव ब्रत लाल का विश्व दौरा ==
विश्व में [[राधास्वामी|राधा स्वामी]] आध्यात्मिक आंदोलन फैलाने के लिए उन्होंने [[लाहौर]] से [[दुनिया]] की यात्रा शुरू की। 2 अगस्त 1911 को वे [[कोलकाता]] पहुँचे। 22 अक्टूबर 1911 को वे [[कोलकाता]] से [[यांगून|रंगून]] की ओर समुद्र से रवाना हुए . 31 अक्टूबर को वे पेनांग पहुँचे और [[सिंगापुर]] और [[जावा]] होते हुए 22 नवम्बर को [[हॉन्ग कॉन्ग|हांगकांग]] पहुँचे . इन सभी स्थानों पर वे राधा स्वामी आध्यात्मिक आंदोलन का संदेश फैला रहे थे। उसके बाद वे [[जापान]] और बाद में [[सैन फ़्रांसिस्को|सैन फ्रांसिस्को]] [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिका]] गये और सैन फ्रांसिस्को में व्याख्यान भी दिए। <ref>[http://books.google.com/books?id=cnWmWUQ1paYC Data Dayal Maharishi Shiv Brat Lal Verman By Muḥammad Anṣārullāh]</ref><ref>[http://sportygirly67.blogspot.com/ Shiv Brat Lal's trip to US]</ref>
 
== आश्रम की स्थापना ==
सन् 1912 में शिव ब्रत लाल जी ने गोपी गंज, [[मिर्ज़ापुर|मिर्जापुर]], [[उत्तर प्रदेश]], भारत में अपने [[आश्रम]] की स्थापना की। उनके प्रेरक प्रवचनों ने समस्त भारत और विदेशों में [[राधास्वामी|राधा स्वामी]] आंदोलन के चाहने वालों को आकर्षित किया। 23 फ़रवरी 1939 को सत्तर वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ। उनकी पवित्र [[समाधि]] गोपी गंज के निकट राधा स्वामी धाम में है।
 
== महर्षि शिव ब्रत लाल के उत्तराधिकारी ==
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== दाता दयाल के मिशन को आगे बढ़ाने वाले अन्य गुरु ==
* परम संत नंदू भाई जी महाराज [[आन्ध्र प्रदेश|आंध्र प्रदेश]]
* परम संत पी.आनंद राव जी महाराज [[हैदराबाद]], [[आन्ध्र प्रदेश|आंध्र प्रदेश]]
* परम संत कुबेर नाथ श्रीवास्तव जी
* परम संत प्रेमानंद जी
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== इन्हें भी देखें ==
* [[राधास्वामी|राधास्वामी मत]]
* [[शिव दयाल सिंह]]
* [[मानवता मंदिर]]