"दक्षिणकिरीट तारामंडल": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Corona Australis IAU.svg|thumb|200px|दक्षिणकिरीट (कोरोना ऑस्ट्रेलिस) तारामंडल]]
[[चित्र:R Coronae Australis region.jpg|thumb|200px|दक्षिणकिरीट तारामंडल में R CrA तारे का क्षेत्र]]
'''दक्षिणकिरीट''' या '''कोरोना ऑस्ट्रेलिस''' एक [[तारामंडल]] है। दूसरी शताब्दी ईसवी में [[क्लाडियस टॉलमी|टॉलमी]] ने अपनी ४८ तारामंडलों की सूची में इसे शामिल किया था और [[अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ]] द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। इसे "दक्षिणकिरीट" इसलिए बुलाया जाता है ताकि इसे [[उत्तरकिरीट तारामंडल]] से भिन्न बताया जा सके।<ref name="ref39hixiy">{{cite web | title=Starfinder | author=Carole Stott, Giles Sparrow | publisher=Penguin, 2010 | isbn=9780756670658 | url=http://books.google.com/books?id=FJF-ID-8obsC}}</ref>
 
== अन्य भाषाओँ में ==
दक्षिणकिरीट तारामंडल को अंग्रेज़ी में "कोरोना ऑस्ट्रेलिस" (Corona Australis) या "कोरोना ऑस्ट्रीना" (Corona Austrina) कहते हैं, जो [[लातिन भाषा|लातिनी भाषा]] से लिए गए हैं। इनका लातिनी में अर्थ "दक्षिण का मुकुट" है क्योंकि इसके मुख्य तारे एक किरीट जैसे अर्ध-चक्र की आकृति बनाते हैं। इसे [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में भी "ताज-ए-जनूबी" ({{Nastaliq|ur|تاج جنوبی}}) कहते हैं, जिसका अर्थ भी "जनूब (दक्षिण) का ताज" है।
 
== तारे ==
दक्षिणकिरीट तारामंडल में १४ तारें हैं जिन्हें [[बायर नामांकन|बायर नाम]] दिए जा चुके हैं, जिनमें से अगस्त २०११ तक किसी के भी इर्द-गिर्द [[बहिर्ग्रह|ग़ैर-सौरीय ग्रह]] परिक्रमा करता हुआ नहीं पाया गया था। इस तारामंडल में कोई भी तारा ४ [[खगोलीय मैग्निट्यूड|खगोलीय मैग्नीट्यूड]] से अधिक [[चमक]] नहीं रखता। याद रहे कि मैग्नीट्यूड की संख्या जितनी ज़्यादा होती है तारे की रौशनी उतनी ही कम होती है। इसके कुछ मुख्य तारे और अन्य [[खगोलीय वस्तुएँवस्तु]]एँ इस प्रकार हैं:
* '''अल्फ़ा दक्षिणकिरीट''' - इस तारे का बायर नाम "अल्फ़ा कोरोनाए ऑस्ट्रेलिस" (α CrA या α Coronae Australis) है, लेकिन इसे ऐल्फ़ॅक्का मरिडियाना (Alfecca Meridiana) भी कहा जाता है।
* '''आर॰ऍक्स॰ जे१८५६.५-३७५४''' (RX J1856.5-3754) - यह एक [[न्यूट्रॉन तारा]] है। पृथ्वी से केवल २०० [[प्रकाश-वर्ष]] दूर स्थित यह हमसे सबसे समीपी न्यूट्रॉन तारों में से एक है। इसके अध्ययन से वैज्ञानिकों को शक़ है कि यह एक क्वार्क तारा है, जिसमें पदार्थ टूटकर [[क्वार्क]] नामक [[मूलभूत कणमूलकण|मूलभूत कणों]] की स्थिति में आ पहुंचे हैं।
 
== इन्हें भी देखें ==