"परमेश्वर": अवतरणों में अंतर

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== शैव सिद्धांत ==
[[चित्र:Hindu god Shiva murti statue near Ganges in Haridwar India sights culture beliefs 2015.jpg|अंगूठाकार|[[शिव|भगवान शिव]] परमेश्वर की परिपूर्णता में]]
[[शैव|शैव सम्प्रदाय]], हिंदू धर्म के 4 मुख्य [[सम्प्रदाय]] में से एक है। हिंदू धर्म की अन्य मुख्य [[सम्प्रदाय]]: [[वैष्णव सम्प्रदाय]], [[स्मार्त सूत्र|स्मार्त सम्प्रदाय]] व [[शाक्त|शाक्त सम्प्रदाय]] हैं। शैव सम्प्रदाय में भगवान शिव को सर्वोच्च इश्वर माना जाता है। [[शैवसिद्धान्त|शैव सिद्धांत]], [[शैव|शैव सम्प्रदाय]] के 6 मुख्य विचारधारा विद्यालयों में से एक है। शैव सिद्धांत के अनुसार [[शिव|भगवान शिव]] की 3 परिपूर्णता या पहलु हैं। यह तीन परिपूर्णता:- [[परशिव]], [[पराशक्ति]] एवं '''परमेश्वर''' हैं। परमेश्वर व [[पराशक्ति]] की परिपूर्णता में [[शिव|भगवान शिव]] का आकार होता है परन्तु [[परशिव]] की परिपूर्णता में भगवान शिव निराकार हैं। परमेश्वर की परिपूर्णता में वह मनुष्य के शरीर जैसा आकार लेते हैं जिसमें उनके हाथ में [[त्रिशूल]], गले में सांप और हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में होता है।
 
परमेश्वर की परिपूर्णता में शिव में यह पाँच रूप या शक्तियाँ होती हैं:
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* [[रुद्र]], विनाशक
* महेश्वर, गोपन करने के इश्वर
* [[शिव|सदाशिव]], प्रकट करने के इश्वर
 
परमेश्वर को शैव सिद्धांत में 'मूल आत्मा' भी कहा जाता है क्यों कि इस परिपूर्णता में भगवान शिव अपनी छवि और समानता में आत्माओं की रचना करते हैं और यह समस्त आत्माओं का प्रोटोटाइप है।<ref>{{Cite web|url=https://www.himalayanacademy.com/media/books/dancing-with-siva/web/ch02_04.html|title=Dancing with Siva|website=www.himalayanacademy.com|access-date=2018-05-15}}</ref> <ref>{{Cite book|url=https://www.himalayanacademy.com/media/books/dancing-with-siva/web/ch02_01.html|title=Dancing with Siva|last=Subramanuyamswami|first=Sivaya|publisher=Himalayan Accademy|year=1997|isbn=|location=|pages=| language = en}}</ref>