"सूक्त": अवतरणों में अंतर
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[[वेद|वेदों]] के [[संहिता]] भाग में [[
: ''सम्पूर्णमृषिवाक्यं तु सूक्तमित्यsभिधीयते''
: अर्थात् मन्त्रद्रष्टा ऋषि के सम्पूर्ण वाक्य को सूक्त कहते हैँ, जिसमेँ एक अथवा अनेक मन्त्रों में देवताओं के नाम दिखलाई पड़ते हैैं।
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ऋषि - कण्व, निवास स्थान - पृथ्वीस्थानीय, सूक्त संख्या - 120
नवम मण्डल से सम्बद्ध [[सोम]], ऋग्वेद का प्रमुख देवता है। ऋग्वेदनुसार सोम एक वनस्पति थी जो [[मुंजवान पर्वत]] पर पैदा होती थी। इसका रस अत्यधिक शक्तिशाली एवं स्फूर्तिदायक था। [[
==इन्हें भी देखें==
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