"गोल्डन काफ़ (सोने का बछड़ा)": अवतरणों में अंतर

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इब्रानी (हिब्रू) बाइबिल के अनुसार, द '''गोल्डेन काफ़''' (עֵגֶּל הַזָהָב ‘ēggel hazâhâḇ) [[मूसा|मोज़ेज़ (मुसों)]] जब माउंट सिनाई पर चले गए तब उनकी अनुपस्थिति के दौरान इस्राएलियों को संतुष्ट करने के लिए उनके भाई हारून (एरॉन) द्वारा बनवाई गई मूर्ति (पंथ अथवा सम्प्रदाय की प्रतिकृति) थी। द काफ़ (बछड़ा) के जरिए इस्राएल के ईश्वर का शारीरिक प्रतिनिधित्व अभिप्रेत था और इसीलिए, इस्राएल को दोबारा बुत परस्ती (मूर्तिपूजा) में शामिल करने की गलती की जा रही थी एवं ईश्वर की शारीरिक सत्ता का होना आरोपित किया जा रहा था।
 
[[इब्रानी भाषा|हिब्रू]] में, यह घटना ''ḥēṭ’ ha‘ēggel'' (חֵטְא הַעֵגֶּל) के रूप में जानी जाती है अथवा "द सिन ऑफ़ द काफ़" (बछड़े का पाप) के नाम से भी जाना जाता है। इसका उल्लेख सर्वप्रथम निष्क्रमण (एक्सोड्स) [http://bible.cc/exodus/32-4.htm 32:4] में किया गया है। बैल की पूजा कई संस्कृतियों में आम बात थी। मिस्र में, निष्क्रमण के विवरण के अनुसार जब इब्रानी (यहूदी) लोगों को आये अधिक समय नहीं हुआ था तब ही, एपिस बुल एवं बैल के सिर वाला खनुम (Khnum) पूज्य पात्र थे, जैसा कि कुछ लोगों का मानना है, निर्वासन के समय इब्रानी पुनर्जीवन प्राप्त कर रहे थे;{{Citation needed|date=October 2010}} वैकल्पिक रूप से, कुछ लोगों का विश्वास है कि इस्राएल के ईश्वर का संबंध चित्रित बछड़े/बैल देवता के रूप में धार्मिक रूप से आत्मसात और समन्वयता करने की प्रक्रिया के माध्यम से अंगीकृत कर लिया जाना था। मिस्रवासियों एवं इब्रानियों के मध्य प्राचीन पड़ोसियों में निकटरूप पूर्व में तथा [[एजियनईजियन सागर|ईजियन]] में, ऑरोक्स, वन्य बैल, की व्यापक रूप से पूजा की जाती थी, अक्सर चन्द्र बैल एवं ईएल के प्राणी के रूप में. इसकी मिनियोन अविभार्व के कारण यूनानी मिथक में क्रेटन बैल के रूप में उत्तरजीवी रहा. भारत में, नंदी (एक बैल) को भगवान शिव की सवारी माना जाता है एवं इसीलिए अनेक हिन्दुओं के लिए यह पवित्र एवं पूज्य है। यूनानियों (मिस्रवासियों) के बीच हाथोर को पवित्र गाय के रूप में प्रतिनिधित्व प्राप्त है, एवं साथ ही साथ इसे आकाश गंगा के रूप में पेश किया जाता है और अक्सर इसकी पहचान अपने पड़ोसी की देवी ईएल आशेरा के समकक्ष ही की गई। इब्रियों जनजातियों का विकास इन लोगों और पैन्थिओन के बीच होता गया, अतः यह मान लेने में कोई आश्चर्य नहीं कि उनके बीच एक साझा विरासत रही हो जिस पंथ का धीरे-धीरे अब भी अधोपतन हो रहा हो और जिसे ईश्वर एक है (एकेश्वर वाद) की पन्थ के सत्ता में आने के बाद मजबूत विपक्ष का सामना करना पड़ा हो.
 
== बाइबिल का कथा-सारा ==
=== [[तोरातौरात|टोरा]] ===
 
जब [[मूसा]] दस ईश्वरीय-आदेश ([http://bible.cc/exodus/19-20.htm निर्गमन 19:20]) पाने के लिए माउंट सेनाई (सेनाई पर्वत) पर चले गए तब वे इस्राएल को चालीस दिनों और चालीस रातों के लिए छोड़ गए ([http://bible.cc/exodus/24-18.htm निर्गमन 24:18]). इस्राएल को यह डर सताने लगा कि वे लौट कर नहीं आएंगे और उन्होंने हारून से उनके लिए इस्राएल के ईश्वर की मूर्ति बनाने के लिए कहा ([http://bible.cc/exodus/32-1.htm निर्गमन 32:1]). हालांकि, हारून ने इस्राएल के परमेश्वर का प्रतिनिधि बनने से इनकार कर दिया. इस्राएलियों ने हारून को अभिभूत करने के लिए काफी शिकायत की थी, इसलिए उसने उनका अनुपालन किया और इस्राएलियों के कानों की सोने की बालियां इकट्ठी की. उसने उसे पिघलाया और सोने की एक जवान बैल (सांड़) की मूर्ति बनाई. हारून ने बछड़े के सामने एक वेदी भी बनाई और यह घोषणा भी कर दी कि इस्राएल के लोगों, ये तुम्हारे ईश्वर हैं, जो तुमलोगों का मिस्र की जमीन से बाहर ले आया है". और दूसरे ही दिन, इस्राएलियों ने सोने के बछड़े को भेंट अर्पित की और उत्सव मनाया. मूसा ने जब उन्हें यह सबकुछ करते देखा तो वे उनसे क्रोधित हो गए, उन्होंने उन शिला लेखों को जिसपर ईश्वर ने इस्राएलियों के लिए अपने कानून लिखे थे, ज़मीन पर फेंक दिया.
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== इन्हें भी देखें ==
* स्वर्ण बछड़े के साथ [[तोरातौरात|टोरा]] पार्शियट या अंश व्यापार: की टिस्सा और ईकेव
* लाल बछिया
* मोलोच