"बिचित्र नाटक": अवतरणों में अंतर

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'''बचित्तर नाटक''' या '''बिचित्तर नाटक''' (ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ) [[गुरु गोबिन्द सिंह]] द्वारा रचित [[दसम ग्रंथ|दशम ग्रन्थ]] का एक भाग है। वास्तव में इसमें कोई '[[नाटक]]' का वर्णन नहीं है बल्कि गुरुजी ने इसमें उस समय की परिस्थितियों तथा इतिहास की एक झलक दी है और दिखाया है कि उस समय हिन्दू समाज पर पर मंडरा रहे संकटों से मुक्ति पाने के लिये कितने अधिक साहस और शक्ति की जरूरत थी।
 
[[श्रेणी:सिख धर्म]]