"कैल्सियम": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
पंक्ति 12:
chemical series=क्षारीय पार्थिव धातु|
}}
'''कैल्सियम''' (Calcium) एक [[रासायनिक तत्व]] है। यह [[आवर्त सारणी|आवर्तसारणी]] के द्वितीय मुख्य समूह का [[धातु]] तत्व है। यह क्षारीय मृदा धातु है और शुद्ध अवस्था में यह अनुपलब्ध है। किन्तु इसके अनेक [[रासायनिक यौगिक|यौगिक]] प्रचुर मात्रा में [[भूमि]] में मिलते है। भूमि में उपस्थित तत्वों में मात्रा के अनुसार इसका पाँचवाँ स्थान है।
 
यह जीवित प्राणियों के लिए अत्यावश्यक होता है। भोजन में इसकी समुचित मात्र होनी चाहिए। खाने योग्य कैल्शियम [[दूध]] सहित कई खाद्य पदार्थो में मिलती है। खान-पान के साथ-साथ कैल्शियम के कई औद्योगिक इस्तेमाल भी हैं जहां इसका शुद्ध रूप और इसके कई यौगिकों का इस्तेमाल किया जाता है। [[आवर्त सारणी]] में कैल्शियम का अणु क्रमांक 20 है और इसे अंग्रेजी शब्दों ‘Ca’ से इंगित किया गया है। 1808 में सर [[हम्फ्री डैवी]] ने इसे खोजा था। उन्होंने इसे [[कैल्सियम क्लोराइड]] से अलग किया था। चूना पत्थर, कैल्सियम का महत्वपूर्ण खनिज स्रोत है। पौधों में भी कैल्शियम पाया जाता है।<ref>Pauling, Linus (1970). General Chemistry. Dover Publications. p. 627. ISBN 0-7167-0149-9.</ref>
पंक्ति 20:
कैल्सियम अत्यंत सक्रिय तत्व है। इस कारण इसको शुद्ध अवस्था में प्राप्त करना कठिन कार्य है। आजकल [[कैल्सियम क्लोराइड]] तथा [[फ्लोरस्पार]] के मिश्रण को [[ग्रेफाइट]] मूषा में रखकर [[विद्युतविच्छेदन]] द्वारा इस तत्व को तैयार करते हैं।
 
शुद्ध अवस्था में यह सफेद चमकदार रहता है। परन्तु सक्रिय होने के कारण वायु के [[ऑक्सीजन|आक्सीजन]] एवं [[नाइट्रोजन]] से अभिक्रिया करता है। इसके [[क्रिस्टल]] फलक केंद्रित घनाकार रूप में होते हैं। यह [[आघातवर्धनीयता|आघातवर्ध्य]] तथा तन्य तत्व है। इसके कुछ गुणधर्म निम्नांकित हैं-
 
: संकेत -- '''Ca'''
पंक्ति 33:
साधारण ताप पर यह वायु के ऑक्सीजन और नाइट्रोजन से धीरे धीरे अभिक्रिया करता है, परंतु उच्च ताप पर तीव्र अभिक्रिया द्वारा चमक के साथ जलता है और कैलसियम आक्साइड (CaO) बनाता है। [[जल]] के साथ अभिक्रिया कर यह [[हाइड्रोजन]] उन्मुक्त करता है और लगभग समस्त अधातुओं के साथ अभिक्रिरिया कर यौगिक बनाता है।
 
इसके रासायनिक गुण अन्य क्षारीय मृदा तत्वों ([[स्ट्रोन्शियम|स्ट्रांशियम]], [[बेरियम]] तथा [[रेडियम]]) की भाँति है। यह अभिक्रिया द्वारा द्विसंयोजकीय यौगिक बनाता है। ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होने पर कैलसियम ऑक्साइड का निर्माण होता है, जिसे [[कैल्सियम आक्साइड|कली चूना]] और [[बिना बुझा चूना]] ([[quiklime]]) भी कहते हैं। पानी में घुलने पर [[कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड]] या [[कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड|शमित चूना]] या [[कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड|बुझा चूना]] ([[slaked lime]]) बनता है। यह [[क्षारीयक्षार]]ीय पदार्थ है जिसका उपयोग गृह निर्माण कार्य में पुरतान काल से होता आया है। चूने में बालू, जल आदि मिलाने पर प्लास्टर बनता है, जो सूखने पर कठोर हो जाता है और धीरे-धीरे [[पृथ्वी का वायुमण्डल|वायुमण्डल]] के [[कार्बन डाईऑक्साइड|कार्बन डाइऑक्साइड]] से अभिक्रिया कर कैलसियम कार्बोनेट में परिणत हो जाता है।
 
कैलसियम अनेक तत्वों (जैसे हाइड्रोजन, फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन आयोडीन, नाइट्रोजन सल्फर आदि ) के साथ अभिक्रिया कर यौगिक बनता है। कैलसियम क्लोराइड, हाइड्रोक्साइड, तथा हाइपोक्लोराइड का एक मिश्रण [CaCI<sub>2</sub> Ca (OH)<sub>2</sub> H<sub>2</sub>O] और [CaOCI2] [[कैल्सियम हाइपोक्लोराइट|ब्लिचिंग पाउडर]] कहलाता है जो वस्त्रों आदि के [[विरंजन]] में उपयोगी है। कैलसियम कार्बोनेट तथा बाइकार्बोनेट भी उपयोगी है।
 
[[अपचयनरेडॉक्स|अपाचयक]] तत्व होने के कारण कैलसियम अन्य धातुओं के निर्माण में काम आता है। कुछ धातुओं में कैलसियम मिश्रित करने पर उपयोगी [[मिश्रातु|मिश्र धातुएँ]] बनती हैं।
 
कैलसियम के यौगिक के अनेक उपयोग हैं। कुछ यौगिक (नाइट्रेट, फॉसफेट आदि) [[उर्वरक]] के रूप में उपयोग में आते है। [[कैल्सियम कार्बाइड|कैलसियम कार्बाइड]] का उपयोग [[नाइट्रोजन यौगिकीकरण|नाइट्रोजन स्थिरीकरण]] उद्योग में होता है और इसके द्वारा [[एसिटिलीन|एसिटिलीन गैस]] बनाई जाती है। कैलसियम सल्फेट द्वारा [[प्लास्टर|प्लास्टर ऑफ पेरिस]] बनाया जाता है। इसके अतिरक्ति कुछ यौगिक चिकित्सा, पोर्स्लोिन उद्योग, काच उद्योग, चर्म उद्योग तथा लेप आदि के निर्माण में उपयोगी है।
 
भारत के प्राचीन निवासी कैलसियम के यौगिक तत्वों से परिचित थे। उनमें चूना (कैलसियम आक्साइड) मुख्य है। [[मोहन जोदड़ो|मोहनजोदड़ो]] और [[हड़प्पा]] के भग्नावशेषों से ज्ञात होता है तत्कालीन निवासी चूने का उपयोग अनेक कार्यों में करते थे। चूने के साथ कतिपय अन्य पदार्थों के मिश्रण से 'वज्रलेप' तैयार करने का प्राचीन साहित्य में प्राप्त होता है। [[चरक]] ने ऐसे क्षारों का वर्णन किया है जिनको विभिन्न समाक्षारों पर चूने की अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता था। कुछ समय पूर्व [[उत्तर प्रदेश]] के [[बस्ती जिला|बस्ती]] जिले में कोपिया नामक एक स्थान से [[कांच|काँच]] बनाने के एक प्राचीन कारखाने के अवशेष प्राप्त हुए हैं। उसका काल लगभग पाँचवी शती ईसवी पूर्व अनुमान किया जाता है। वहाँ से मिली काँच की वस्तुओं की परीक्षा से ज्ञात हुआ है कि उस काल के काँच बनाने में चूने का उपयोग होता था।
 
== चित्र ==
<gallery>
Image:FlammenfärbungCa.png|[[ज्वाला परीक्षण|ज्वाला परीक्षा]]
Image:Calcium unter Argon Schutzgasatmosphäre.jpg|[[आर्गन]] के निष्क्रिय वातावरण में कैल्शियम
Image:Calcium 1.jpg|कैल्शियम