"बलौदा बाज़ार जिला": अवतरणों में अंतर

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→‎कृषि व सिंचाई: उच्चारण एवं मात्रा
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जिले में यातायात का प्रमुख साधन सड़क मार्ग है। जिले की भाटापारा तहसील में रेल सुविधा उपलब्ध है। राष्ट्रीय राजमार्ग सिमगा तहसील में सिमगा से लिमतरा तक गुजरता है। जबकि राज्यमार्ग क्रमांक 9 (रायपुर से कोरबा) का 79.4 कि.मी. भाग इस जिले से गुजरता है। वहीं राज्य मार्ग क्रमांक 10 (कोटा से बलौदा बाजार) का 42 कि.मी., राज्य मार्ग क्रमांक 13 (पामगढ़ से सोहेला उडि़सा सीमा) का 42 कि.मी., राज्य मार्ग क्रमांक 14 (पिथौरा से कसडोल) का 46 कि.मी., राज्य मार्ग क्रमांक 16 (झिलमीली से पदमपुर सरायपाली) का 9.2 कि.मी. व राज्य क्रमांक 20 (तिल्दा से मगरलोड) का 15.3 कि.मी. भाग बलौदा बाजार जिले से गुजरता है। जिला मार्गों में लवन-खरतोरा 40.6 कि.मी., बलौदा बाजार-रिसदा-हथबंध 48.6 कि.मी., भाटापारा-निपनिया 47.6 कि.मी., भाटापारा-जरौद-सुहेला 28.8 कि.मी. के अलावा कुछ प्रमुख मार्ग बड़े ग्रामों से जुडे़ हुये हैं। आवागमन के दृषिटकोंण से बलौदा बाजार जिले से रायपुर मार्ग पर प्रतिदिन 90 बसें (टार्इमिंग), भाटापारा मार्ग पर 30, गिधौरी-बिलार्इगढ़ -भटगांव-सरसीवां-सारंगढ़ मार्ग पर 60, सिमगा-सुहेला मार्ग पर 10, बिलासपुर मार्ग पर 15, बसना, पिथौरा मार्ग पर 2-2, आरंग मार्ग पर 5 व कोरबा मार्ग पर 1 बस संचालित होती है। इसके अलावा रायपुर-झारसुगडा व्हाया बलौदा बाजार रेलमार्ग को 12वी योजना में शामिल किया गया है।
 
== कृषि व सिंचार्इसिंचाई ==
बलौदा बाजार जिले की छ: तहसीलों के अंतर्गत कृषि का कुल रकबा 269888 हेक्टेअर है। जिले में धान की फसल प्रमुखता से बार्इ जाती है। जिले के 970 गांव की 10 लाख से ज्यादा आबादी में से अधिकांशत: लोग कृषि पर ही आश्रित है। समर्थन मूल्य पर 86 सहकारी समितियों के माध्यम से धान क्रय किया जाता है। जिले में 4 कृषि उपज मंडिया भी है, जिनमें भाटापारा सिथत मंडी वर्ष भर फसल क्रय विक्रय के लिए प्रसिद्ध है। सिंचार्इ हेतु जिले में अनेक नदी, नाले सिथत है, जिनमें महानदी, शिवनाथ, जोंक प्रमुख नदियां है। सहायक नदियों में बालमदेयी है वहीं जमुनिया व खोरसी नाला भी प्रमुख है। बि्रटिश काल में सिंचार्इ सुविधा को विकसीत करने हेतु 1935-36 में लगभग 200 कि.मी. नहरों का जाल बिछाया गया। बलौदा बाजार शाखा नहर व लवन शाखा नहर के माध्यम से गंगरेल बांध का पानी आज भी खेतों मेें पहुंचाया जाता है। शासन द्वारा औसत वर्षा में कमी के चलते बलौदा बाजार को वृषिटछाया क्षेत्र घोषित किया गया है। केवल पलारी तहसील ही सिंचीत क्षेत्र है शेष तहसीलों में सिंचीत क्षेत्र का रकबा कम है। कसडोल क्षेत्र में विशालकाय बलारडेम के अलावा जल संसाधन विभाग द्वारा नदियाें में एनिकेट व कुछ अन्य छोटे बांध भी निर्मित कराये गये हैं। भाटापारा नहर का निर्माणकार्य विगत कर्इ वर्षो सें जारी है, जिसके पूर्ण होने से जिले का भाटापारा तहसील भी सिंचार्इ सुविधा से परिपूर्ण हो जावेगा।