"कश्मीर": अवतरणों में अंतर
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[[File:Kashmir region 2004.jpg|right|thumb|कश्मीर क्षेत्र के जिलों का राजनीतिक मानचित्र, पीर पंजाल श्रेणी और [[कश्मीर घाटी]] दिखा रहा है।]]
''यह [[भारतीय उपमहाद्वीप]] के सबसे उत्तरी भौगोलिक क्षेत्र के बारे में है, जिसमें भारतीय जम्मू और कश्मीर (जिसमें [[जम्मू]] डिवीजन, [[कश्मीर घाटी]] और [[लद्दाख़|लद्दाख]] शामिल हैं), आज़ाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के पाकिस्तानी प्रशासित क्षेत्र और चीनी प्रशासित क्षेत्र के [[अक्साई चिन]] और [[ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट]] । भारतीय राज्य का लेख देखने के लिये यहाँ जायें : [[जम्मू और कश्मीर]]।''
पाकिस्तान प्रशासित क्षेत्र का लेख देखने के लिये यहाँ जायें :[[आज़ाद कश्मीर]]।
[[चित्र:Market boats on Mar Canal, Srinigar.jpg|right|thumb|400px| एडवर्ड मॉलीनक्स द्वारा बनाया श्रीनगर का दृश्य]]
'''कश्मीर''' ([[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]] : {{नस्तालीक़|کٔشِیر}} <small>([[नस्तालीक़]]),</small> कॅशीर) [[भारतीय उपमहाद्वीप]] का सबसे उत्तरी भौगोलिक क्षेत्र है। कश्मीर एक [[
Since India's partition and the creation of Pakistan in 1947, the nuclear-armed neighbours have fought three wars over the Muslim-majority territory, which both claim in full but control in part.
Today it remains one of the most militarised zones in the world. China administers parts of the territory."</ref><ref>{{cite web|title=Kashmir profile — timeline|publisher=BBC|access-date=16 July 2016|url=https://www.bbc.com/news/world-south-asia-16069078}} Quote: "'''1950s''' – China gradually occupies eastern Kashmir (Aksai Chin). '''1962''' – China defeats India in a short war for control of Aksai Chin. '''1963''' – Pakistan cedes the Trans-Karakoram Tract of Kashmir to China."</ref>
== व्युत्पत्ति ==
निलामाता पुराण घाटी के जल से उत्पत्ति का वर्णन करता है, एक प्रमुख भू-भूवैज्ञानिकों द्वारा पुष्टि की गई तथ्य, और यह दर्शाता है कि जमीन का नाम कितना desiccation की प्रक्रिया से लिया गया था - का का मतलब है "पानी" और शमीर का मतलब है "desiccate"। इसलिए, कश्मीर "पानी से निकलने वाला देश" के लिए खड़ा है एक सिद्धांत भी है जो कश्मीर को कश्यप-मीरा या कश्यमिरम या कश्यममरू, '' "कश्यप के समुद्र या पर्वत" का संकुचन लेता है, ऋषि जो प्राच्य झील सट्सार के पानी से निकलने के लिए श्रेय दिया जाता है, कि कश्मीर से पहले इसे पुनः प्राप्त किया गया था। निलामाता पुराण काश्मीरा ([[कश्मीर घाटी]] में [[वालर झील]] मीरा "का नाम देता है जिसका अर्थ है कि समुद्र झील या ऋषि कश्यप का पहाड़।" संस्कृत में 'मीरा' का अर्थ है महासागर या सीमा, इसे उमा के अवतार के रूप में मानते हुए और यह कश्मीर है जिसे आज विश्व को पता है। हालांकि, कश्मीरियों ने इसे 'काशीर' कहते हैं, जो कश्मीर से ध्वन्यात्मक रूप से प्राप्त हुए हैं। प्राचीन यूनानियों ने इसे ' कश्पापा-पुर्का, जो कि हेकाटेयस के कस्पेरियोस (बायज़ांटियम के एपड स्टेफेनस) और हेरोडोटस के कस्तुतिरोस (3.102, 4.44) से पहचाने गए हैं। कश्मीर भी टॉलेमी के '' कस्पीरीया '' के द्वारा देश माना जाता है। '' कश्मीरी '' वर्तमान-कश्मीर की एक प्राचीन वर्तनी है, और कुछ देशों में यह अभी भी इस तरह की वर्तनी है। सेमीट जनजाति का एक गोत्र '' 'काश' (जिसका अर्थ है देशी में एक गहरा स्लेश माना जाता है कि यह [[कशान]] और [[कशगर]] के शहरों की स्थापना कर रहा है, कश्यपी जनजाति से कैस्पियन से भ्रमित नहीं होना चाहिए। भूमि और लोगों को 'काशीर' के नाम से जाना जाता था, जिसमें से 'कश्मीर' भी उसमें से प्राप्त किया गया था। इसे [[प्राचीन ग्रीस के प्राचीन ग्रीक]] '' कास्पीरिया '' कहा जाता है [[क्लासिक्स|शास्त्रीय साहित्य]] में [[हिरोडोटस|हेरोडोटस]] इसे "कस्पातिरोल" कहते हैं <ref name="बामज़ई 4.6"> पी॰ एन॰के॰ बामज़ई, '' कश्मीर का संस्कृति और राजनीतिक इतिहास '', वॉल्यूम 1 (नई दिल्ली: एमडी प्रकाशन, 1 99 4), पृ॰ 4-6</ref> [[जुआनज़ांग]], [[चीन - चीनी]] [[भिक्खु|भिक्षु]] ने 631 [[एडी]] को कश्मीर का दौरा किया यह '' क्या-शि-मी-लो '' [[तिब्बत]] एह ने इसे खाचा कहा, जिसका अर्थ है "[[बर्फ़|बर्फ]] वाई [[पर्वत|पहाड़]]" <ref name = Bamzai4.6 /> यह है और [[नदी]], [[झील]] और [[वन्य फ्लावर]] एस की भूमि रही है। [[झेलम नदी]] घाटी की पूरी लंबाई चलाती है
== भूगोल ==
[[चित्र:Srinagar.jpg|left|thumb|1000px| कश्मीर की झेलम घाटी का नज़ारा]]
ये ख़ूबसूरत भूभाग मुख्यतः झेलम नदी की घाटी (वादी) में बसा है। भारतीय कश्मीर घाटी में छः ज़िले हैं : [[श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर|श्रीनगर]], [[बडगाम|बड़ग़ाम]], [[अनन्तनाग]], [[पुलवामा]], [[बारामूला|बारामुला]] और [[कुपवाड़ा]]। कश्मीर हिमालय पर्वती क्षेत्र का भाग है। जम्मू खण्ड से और पाकिस्तान से इसे पीर-पांजाल पर्वत-श्रेणी अलग करती है। यहाँ कई सुन्दर सरोवर हैं, जैसे [[डल झील|डल]], [[वुलर झील|वुलर]] और [[नगीन]]। यहाँ का मौसम गर्मियों में सुहावना और सर्दियों में बर्फ़ीला होता है। इस प्रदेश को धरती का स्वर्ग कहा गया है। एक नहीं कई कवियों ने बार बार कहा है :
''गर फ़िरदौस बर रुए ज़मीं अस्त,
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{{main|कश्मीर का इतिहास}}
[[चित्र:Sun temple martand indogreek.jpg|अंगूठाकार|मार्तण्ड मंदिर (सूरज मंदिर)]]
प्राचीनकाल में कश्मीर हिन्दू और बौद्ध संस्कृतियों का पालना रहा है। माना जाता है कि यहाँ पर भगवान [[शिव]] की पत्नी देवी '''[[सती]]''' रहा करती थीं और उस समय ये वादी पूरी पानी से ढकी हुई थी। यहाँ एक राक्षस नाग भी रहता था, जिसे वैदिक '''ऋषि कश्यप''' और देवी सती ने मिलकर हरा दिया और ज़्यादातर पानी [[झेलम नदी|वितस्ता]] (झेलम) नदी के रास्ते बहा दिया। इस तरह इस जगह का नाम '''सतीसर''' से '''कश्मीर''' पड़ा। इससे अधिक तर्कसंगत प्रसंग यह है कि इसका वास्तविक नाम कश्यपमर (अथवा कछुओं की झील) था। इसी से कश्मीर नाम निकला।
कश्मीर का अच्छा-ख़ासा इतिहास '''[[कल्हण]]''' के ग्रंथ '''[[राजतरंगिणी]]''' से (और बाद के अन्य लेखकों से) मिलता है। प्राचीन काल में यहाँ हिन्दू आर्य राजाओं का राज था।
मौर्य सम्राट '''अशोक''' और कुषाण सम्राट '''कनिष्क''' के समय कश्मीर बौद्ध धर्म और संस्कृति का मुख्य केन्द्र बन गया। पूर्व-मध्ययुग में यहाँ के चक्रवर्ती सम्राट '''[[ललितादित्य मुक्तपीड|ललितादित्य]]''' ने एक विशाल साम्राज्य क़ायम कर लिया था। कश्मीर संस्कृत विद्या का विख्यात केन्द्र रहा।<ref>[[सुभाष काक]], The Wonder That Was Kashmir. In "Kashmir and its People: Studies in the Evolution of Kashmiri Society." M.K. Kaw (ed.), A.P.H., New Delhi, 2004. ISBN 81-7648-537-3. http://www.ece.lsu.edu/kak/wonder.pdf</ref>
[[कश्मीर शैवदर्शन]] भी यहीं पैदा हुआ और पनपा। यहां के महान मनीषीयों में [[पतञ्जलि]], [[दृढबल]], [[वसुगुप्त]], [[आचार्य आनन्दवर्धन|आनन्दवर्धन]], [[अभिनवगुप्त]], [[कल्हण]], [[क्षेमराज]] आदि हैं। यह धारणा है कि [[विष्णुधर्मोत्तर पुराण]] एवं [[योगवासिष्ठ|योग वासिष्ठ]] यहीं लिखे गये।
=== प्राचीन कथा ===
स्थानीय लोगों का विश्वास है कि इस विस्तृत घाटी के स्थान पर कभी मनोरम झील थी जिसके तट पर देवताओं का वास था। एक बार इस झील में ही एक असुर कहीं से आकर बस गया और वह देवताओं को सताने लगा। त्रस्त देवताओं ने ऋषि कश्यप से प्रार्थना की कि वह असुर का विनाश करें। देवताओं के आग्रह पर ऋषि ने उस झील को अपने तप के बल से रिक्त कर दिया। इसके साथ ही उस असुर का अंत हो गया और उस स्थान पर घाटी बन गई। कश्यप ऋषि द्वारा असुर को मारने के कारण ही घाटी को कश्यप मार कहा जाने लगा। यही नाम समयांतर में कश्मीर हो गया। निलमत पुराण में भी ऐसी ही एक कथा का उल्लेख है। कश्मीर के प्राचीन इतिहास और यहां के सौंदर्य का वर्णन कल्हण रचित राज तरंगिनी में बहुत सुंदर ढंग से किया गया है। वैसे इतिहास के लंबे कालखंड में यहां [[मौर्य राजवंश|मौर्य]], [[कुषाण राजवंश|कुषाण]], [[हूण लोग|हूण]], करकोटा, लोहरा, [[मुग़ल साम्राज्य|मुगल]], [[अफ़ग़ानिस्तान|अफगान]], [[सिख]] और [[डोगरा]] राजाओं का राज रहा है। कश्मीर सदियों तक एशिया में संस्कृति एवं दर्शन शास्त्र का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा और सूफी संतों का दर्शन यहां की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।
मध्ययुग में मुस्लिम आक्रान्ता कश्मीर पर क़ाबिज़ हो गये। कुछ मुसल्मान शाह और राज्यपाल (जैसे शाह ज़ैन-उल-अबिदीन) हिन्दुओं से अच्छा व्यवहार करते थे पर कई (जैसे सुल्तान सिकन्दर बुतशिकन) ने यहाँ के मूल कश्मीरी हिन्दुओं को मुसल्मान बनने पर, या राज्य छोड़ने पर या मरने पर मजबूर कर दिया। कुछ ही सदियों में कश्मीर घाटी में मुस्लिम बहुमत हो गया। मुसल्मान शाहों में ये बारी बारी से अफ़ग़ान, कश्मीरी मुसल्मान, मुग़ल आदि वंशों के पास गया। मुग़ल सल्तनत गिरने के बाद से सिख महाराजा रणजीत सिंह के राज्य में शामिल हो गया। कुछ समय बाद जम्मू के हिन्दू डोगरा राजा गुलाब सिंह डोगरा ने ब्रिटिश लोगों के साथ सन्धि करके जम्मू के साथ साथ कश्मीर पर भी अधिकार कर लिया (जिसे कुछ लोग कहते हैं कि कश्मीर को ख़रीद लिया)। डोगरा वंश भारत की आज़ादी तक कायम रहा।
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== विवाद ==
[[चित्र:Brit IndianEmpireReligions3.jpg|अंगूठाकार|भारतीय साम्राज्य की 1901 की जनगणना में जिले द्वारा प्रचलित धर्म।]]
भारत की स्वतन्त्रता के समय हिन्दू राजा [[हरि सिंह]] यहाँ के शासक थे। [[शेख़ अब्दुल्ला]] के नेतृत्व में मुस्लिम कॉन्फ़्रेंस (बाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस) उस समय कश्मीर की मुख्य राजनैतिक पार्टी थी। [[काश्मीरी पण्डित|कश्मीरी पंडित]], शेख़ अब्दुल्ला और राज्य के ज़्यादातर मुसल्मान कश्मीर का भारत में ही विलय चाहते थे। पर पाकिस्तान को ये बर्दाश्त ही नहीं था कि कोई मुस्लिम-बहुमत प्रान्त भारत में रहे (इससे उसके दो-राष्ट्र सिद्धान्त को ठेस लगती थी)। सो 1947-48 में पाकिस्तान ने कबाइली और अपनी छद्म सेना से कश्मीर में आक्रमण करवाया और क़ाफ़ी हिस्सा हथिया लिया। उस समय प्रधानमन्त्री [[जवाहरलाल नेहरू|जवाहरलाल नेहरु]] ने [[मोहम्मद अली जिन्नाह|मोहम्मद अली जिन्ना]] से विवाद जनमत-संग्रह से सुलझाने की पेशक़श की, जिसे जिन्ना ने उस समय ठुकरा दिया क्योंकि उनको अपनी सैनिक कार्रवाई पर पूरा भरोसा था। महाराजा ने शेख़ अब्दुल्ला की सहमति से भारत में कुछ शर्तों के तहत विलय कर दिया। जब भारतीय सेना ने राज्य का काफ़ी हिस्सा बचा लिया और ये विवाद संयुक्त राष्ट्र में ले जाया गया तो संयुक्तराष्ट्र महासभा ने दो क़रारदाद (संकल्प) पारित किये :
* पाकिस्तान तुरन्त अपनी सेना क़ाबिज़ हिस्से से खाली करे।
* शान्ति होने के बाद दोनो देश कश्मीर के भविष्य का निर्धारण वहाँ की जनता की चाहत के हिसाब से करेंगे (बाद में कहा गया जनमत संग्रह से)।
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== यह भी देखिये ==
* [[जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019|जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, २०१९]]
* [[कश्मीरी साहित्य]]
* [[कश्मीरी राजा सूची]]
* [[कश्मीर की संस्कृति|कश्मीरी संस्कृति]]
*[[काश्मीरी पण्डित|कश्मीरी पंडित]]
== सन्दर्भ ==
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