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'''नया नियम''' या '''''न्यू टेस्टामेंट''''', [[ईसाई|ईसाइयों]] के धर्मग्रन्थ [[बाइबिल]] का दूसरा भाग या उत्तरार्ध है। [[यीशु|यीशु मसीह]] की जीवनी, शिक्षाएं, और उनके शिष्यों द्वारा धर्मप्रचार इसमें शामिल हैं। नया नियम 27 किताबों का संग्रह है, जो कि तीन भागों में विभाजित हैं: सुसमाचार (४), कार्य (१) और पत्रियाँ (२२; १४-पॉल, ७-कैथोलिक, १-इल्हाम)। नए नियम के इन २७ पुस्तकों को [[ईसाई धर्म]] में लगभग सर्वमान्य रूप से मान्यता दी गई है।
 
==परिचय==
नया नियम [[यीशु]] की शिक्षाओं और उनके व्यक्तित्व पर चर्चा करता है, साथ ही ईसाई धर्म की पहली सही में हुई घटनाओं पर भी जानकारी देता है। ईसाई पुराने और नए दोनों नियमों को एक साथ पवित्र ग्रंथ ([[बाइबिल|बाइबल]]) मानते हैं।
 
नया नियम ईसाई ग्रंथों का एक संग्रह है, जो मूल रूप से कोइन ग्रीक भाषा में, विभिन्न लेखकों द्वारा अलग-अलग समय पर लिखा गया है। जबकि पुराने नियम का विहित संग्रह अलग-अलग ईसाई संप्रदायों के बीच कुछ हद तक भिन्न होता है, नए नियम के २७ किताबों के संग्रह को उत्तर प्राचीन काल के बाद से [[ईसाई धर्म]] में लगभग सर्वमान्य रूप से मान्यता दी गई है। इस प्रकार, आज लगभग सभी ईसाई परंपराओं में, नए नियम में २७ पुस्तकें ही शामिल हैं: चार विहित [[सुसमाचार (ईसाई धर्म)|सुसमाचार]] (मत्ती, मरकुस, लुका और योहन्ना), प्रेरितों के कार्य, [[पॉल]] के चौदह एपिस्थेत, सात कैथोलिक एपिस्थेत, और प्रकाषिकवाक्यों ([[इल्हाम]]) की पुस्तक।
 
==रचना==
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=== सुसमाचार ===
{{मुख्य|सुसमाचार}}
इसमें प्रथम चार किताबें शामिल हैं जो कि यीशु के चार शिष्यों द्वारा लिखी गईं। इनमें [[यीशु|यीशु मसीह]] की जीवनी व शिक्षाओं का वर्णन है। इसलिए इन्हें चार-शुभसन्देश भी कहा जाता है। [[इस्लाम]] में इसे ''[[इंजील]]'' कहा जाता है।
 
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==इन्हें भी देखें==
* [[बाइबिल|बाइबल]]
* [[पुराना नियम]]
* [[कलीसिया]]
* [[सुसमाचार (ईसाई धर्म)|सुसमाचार]]
* [[इंजील]]
* [[यीशु]]