"वाष्पक": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Zantingh Brander.JPG|right|thumb|300px|गैस बर्नर से चलने वाला उच्च क्षमता (धारिता) का वाष्पक]]
 
'''वाष्पक''' या ब्वायलर (Boiler) एक बन्द पात्र होता है जिसमें [[जल]] या कोई अन्य [[द्रव]] गरम किया जाता है। इसमें गरम करने (उबालने) से उत्पन्न [[वाष्प]] को बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था भी होती है जिससे वाष्प को विभिन्न प्रक्रमों या गर्म करने के लिये उपयोग में लाया जा सके। इसकी [[डिज़ाइन|डिजाइन]] इस प्रकार की होती है कि गर्म करने पर कम से कम उष्मा बर्बाद हो तथा यह वाष्प का दाब भी सहन कर सके।
 
इसमें गरम किया हुआ या वाष्पीकृत तरल को निकालकर विभिन्न प्रक्रमों में या ऊष्मीकरण के लिये प्रयुक्त किया जाता है, जैसे- जल का ऊष्मीकरण, [[केन्द्रीय तापन|केन्द्रीय ऊष्मीकरण]], वाष्पक-आधारित शक्ति-उत्पादन, भोजन बनाने और सफाई आदि के लिये। <ref>Frederick M. Steingress (2001). Low Pressure Boilers (4th ed.). American Technical Publishers. ISBN 0-8269-4417-5.</ref><ref>Frederick M. Steingress, Harold J. Frost and Darryl R. Walker (2003). High Pressure Boilers (3rd ed.). American Technical Publishers. ISBN 0-8269-4300-4.</ref>
 
== इतिहास ==
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=== ईंधन ===
बॉयलर में कोई भी ईधन ठोस, द्रव और गैसीय, जो सुविधा से प्राप्त हो, उपयुक्त हो सकता है, यद्यपि इनके ऊष्मीय मान विभिन्न होते हैं। साधारणतया कोयला, पेट्रोलियम, लकड़ी तथा गैसें प्रयुक्त होती है (देखें, [[ईन्धन|ईंधन]])।
 
==सन्दर्भ==