https://myupchaars.blogspot.com/2020/02/arthritis.html
छो 2405:204:138F:9BA5:59D:B81:8B3B:65F5 (Talk) के संपादनों को हटाकर Pooji tiwari के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 21:
संधिशोथ में रोगी को आक्रांत संधि में असह्य पीड़ा होती है, नाड़ी की गति तीव्र हो जाती है, ज्वर होता है, वेगानुसार संधिशूल में भी परिवर्तन होता रहता है। इसकी उग्रावस्था में रोगी एक ही आसन पर स्थित रहता है, स्थानपरिवर्तन तथा आक्रांत भाग को छूने में भी बहुत कष्ट का अनुभव होता है। यदि सामयिक उपचार न हुआ, तो रोगी खंज-लुंज होकर रह जाता है। संधिशोथ प्राय: उन व्यक्तियों में अधिक होता है जिनमें रोगरोधी क्षमता बहुत कम होती है। स्त्री और पुरुष दोनों को ही समान रूप से यह रोग आक्रांत करता है।
 
== रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया वात) के कारण== ARTHRITIS(गठिया रोग या जोड़ो का दर्द )क्या है (https://myupchaars.blogspot.com/2020/02/arthritis.html)
बीमारी का कारण ढंग से ज्ञात नहीं है हालाँकि कुछ कारणों पे संदेह किया जा सकता है जो कि रिसर्च द्वारा पता किया गया है जो कि सूझन होने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पदार्थ जो पूर्व-शोथ कार्य करते हैं और प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा जारी किए जाते हैं, वे संयुक्त के भीतर उपास्थि करते हैं और हड्डी में सूझन पैदा करते हैं अथवा नुकसान पहुंचाते हैं।<ref>{{Cite web|url=https://ashadidi.com/hi/conditions/causes/Q0RFU0NJRDY2Nw==/Rheumatoid%2520arthritis|title=रूमेटाइड आर्थराइटिस (गठिया वात) के कारण|last=|first=|date=|website=ashadidi.com|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>
 
== प्रकार ==
संधिशोथ दो प्रकार के होते हैं : https://myupchaars.blogspot.com/2020/02/arthritis.html(ARTHRITIS 4 प्रकार का होता है !
)
* (1) तीव्र संक्रामक (acute infective) संधिशोथ,
* (2) जीर्ण संक्रामक (chronic infective) संधिशोथ
 
=== तीव्र संक्रामक संधिशोथ ===https://myupchaars.blogspot.com/2020/02/arthritis.html
किसी भी तीव्र संक्रमण के समय यह शोथ हो सकता है। निम्नलिखित प्रकार के संक्रामक संधिशोथ अधिक व्यापक हैं :
* (क) तीव्र आमवातिक (rheumatic) संधिशोथ,
Line 39 ⟶ 38:
* (च) सीरमरोग (serum sickness)।
 
=== जीर्ण संक्रामक संधिशोथ ===https://myupchaars.blogspot.com/2020/02/arthritis.html
यह शोथ प्राय: शरीर के अनेक अंगों पर होता है। पाइरिया (pyorrhoca), जीर्ण उंडुक शोथ (appendicitis), जीर्ण पित्ताशय शोथ (cholecystitis), जीर्ण वायुकोटर शोथ (sinusitis), जीर्ण टांसिल शोथ (tonsillitis), जीर्ण ग्रसनी शोथ (pharyngitis) इत्यादि।
 
== आर्थराइटिस के लक्षण ==https://myupchaars.blogspot.com/2020/02/arthritis.html
* जोड़ों में दर्द या नरमी (दर्द या दबाव) जिसमें चलते समय, कुर्सी से उठते समय, लिखते समय, टाइप करते समय, किसी वस्तु को पकड़ते समय, सब्जियां काटते समय आदि जैसे हिलने डुलने की क्रियाओं में स्थिति काफी बिगड़ जाती है।
* शोथ जो जोड़ों के सूजन, अकड़न, लाल हो जाने और/या गर्मी से दिखाई पड़ता है।
Line 55 ⟶ 54:
* खड़-खड़ाना (चलने पर संधि शोथ वाले जोड़ों की आवाज)
 
== संधि शोथ का उपचार तथा प्रबन्धन ==https://myupchaars.blogspot.com/2020/02/arthritis.html
संधिशोथ के कारणों को दूर करने तथा संधि की स्थानीय अवस्था ठीक करने के लिए चिकित्सा की जाती है। इनके अतिरिक्त रोगी के लिए पूर्ण शारीरिक और मानसिक विश्राम, पौष्टिक आहार का सेवन, धूप सेवन, हलकी मालिश तथा भौतिक चिकित्सा करना अत्यंत आवश्यक है।
 
Line 67 ⟶ 66:
* औषधियों के प्रयोग में अनुपूरक रूप में योग तथा अन्य वैकल्पिक रोग के उपचारों को वैज्ञानिक तरीके से लिपिबद्ध किया गया है।
 
=== व्यायाम ===https://myupchaars.blogspot.com/2020/02/arthritis.html
पैरों की हड्डीओं को सही संरेखण (एलाइनमेंट) में रखने के लिए और उन पर पड़ने वाले वजन को कम करने के लिए मजबूत मांसपेशियों की आवश्यकता होती है। मजबूत मांसपेशियां व्यायाम के द्वारा बनाई जा सकती है। सप्ताह में कम से कम ३ बार व्यायाम जरूरी है। 
 
== इन्हें भी देखें ==https://myupchaars.blogspot.com/2020/02/arthritis.html
* [[वातरक्त]] या गाउट (Gout)
* [[घुटनों का दर्द]]
* [[सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस]]
 
== सन्दर्भ ==https://myupchaars.blogspot.com/2020/02/arthritis.html
<references/>