"तंजावूर": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
पंक्ति 23:
footnotes = |
}}
[[तमिल नाडु|तमिलनाडु]] के पूर्वी तट पर स्थित '''तंजावुर''' या तंजौर ऐतिहासिक शहर है। [[कावेरी नदी|कावेरी]] के उपजाऊ [[डेल्टा]] क्षेत्र में होने के कारण इसे दक्षिण में चावल का कटोरा के नाम से भी जाना जाता हैं। 850 ई. में [[चोल राजवंश|चोल वंश]] ने मुथरयार प्रमुखों को पराजित करके तंजावर पर अधिकार किया और इसे अपने राज्य की राजधानी बनाया। चोल वंश ने 400 वर्ष से भी अधिक समय तक तमिलनाडु पर राज किया। इस दौरान तंजावुर ने बहुत उन्नति की। इसके बाद नायक और मराठों ने यहां शासन किया। वे कला और संस्कृति के प्रशंसक थे। कला के प्रति उनका लगाव को उनके द्वारा बनवाई गई उत्‍कृष्‍ट इमारतों से साफ झलकता है।
 
== मुख्य आकर्षण ==
पंक्ति 29:
{{main|बृहदेश्वर मंदिर}}
[[चित्र:Brihadeeswara.jpg|right|thumb|बृहदेश्वर मंदिर]]
इस मंदिर का निर्माण महान चोल राजा [[राजाराज चोल १|राजराज चोल]] ने करवाया था। यह मंदिर भारतीय शिल्प और वास्तु कला का अदभूत उदाहरण है। मंदिर के दो तरफ खाई है और एक ओर अनाईकट नदी बहती है। अन्य मंदिरों से अलग इस मंदिर में गर्भगृह के ऊपर बड़ी मीनार है जो 216 फुट ऊंची है। मीनार के ऊपर कांसे का स्तूप है। मंदिर की दीवारों पर चोल और नायक काल के चित्र बने हैं जो अजंता की गुफाओं की याद दिलाते हैं। मंदिर के अंदर नंदी बैल की विशालकाय प्रतिमा है। यह मूर्ति 12 फीट ऊंची है और इसका वजन 25 टन है। नायक शासकों ने नंदी को धूप और बारिश से बचाने के लिए मंडप का निर्माण कराया था। मंदिर में मुख्य रूप से तीन उत्सव मनाए जाते हैं- मसी माह (फरवरी-मार्च) में शिवरात्रि, पुरत्तसी (सितंबर-अक्टूबर) में नवरात्रि और ऐपस्सी (नवंबर-दिसंबर) में राजराजन उत्सव। इस ज़िले में कई शहर विकसित हुए हैं, जिनमें तंजावुर, कुंबकोणम और नागापट्टिम बड़े शहर हैं।
 
=== सरस्वती महल पुस्तकालय ===
पंक्ति 78:
== आवागमन ==
;हवाई मार्ग:
यहां [[तंजौर विमानक्षेत्र|तंजावुर विमानक्षेत्र]] भी है। किंतु वहां से उड़ानें नहीं हैं। यहां का निकटतम हवाई अड्डा [[तिरुचिरापल्ली विमानक्षेत्र]] है जो यहां से 65 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा चैन्नई के रास्ते भी यहां पहुंच सकते हैं।
;सड़क मार्ग:
तंजावुर तमिलनाडु के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त कोच्चि, एर्नाकुलम, तिरुवनंतपुरम और बैंगलोर से यहां सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।