"उड़न तश्तरी (खेल)": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Frisbee Catch- Fcb981.jpg|right|thumb|उड़न तश्तरी पकड़ते हुए एक व्यक्ति]]
'''उड़न तश्तरी''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:''फ्लाइंग डिस्क ''या'' फ्रिज्बी'') [[प्लास्टिक]] से निर्मित एक हल्की-फुल्की गोल तश्तरी होती है जिसे हवा में उड़ाने और पकड़ने का खेल खेलने हेतु प्रयोग किया जाता है। सागर तटों, मैदानों और स्कूल-कॉलेजों में यह खेल खेलते अनेक युवा, किशोर या बच्चे दिखते हैं। यह २० से २५ [[सेन्टीमीटर|सेंटीमीटर]] यानी ८-१० इंच व्यास वाली तश्तरी खेल का एक अच्छा साधन है।<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-96409.html फ़्रिज़्बी]। हिन्दुस्तान। १८-२-२०१०</ref> यह खिलौना बच्चों में इतना प्रिय है, कि इसके ऊपर पहेलियां भी बनती हैं।<ref>उड़न तश्तरी सी उड़ती हूँ, बिन चाभी बिन इंजन।<br /> सबका मन बहलाती फिरती, स्टेशन से स्टेशन। बूझो तो जानूं!!! [http://aoseekhenhindi.blogspot.com/2009_05_01_archive.html (रचनाकार- रानी पात्रिक) उत्तर- फ्रिस्बी,Frisbee] आओ सीखें हिंदी: May 2009</ref>
फ्रिज्बी का आविष्कार [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिका]] के [[यूटा]] राज्य के निवासी [[वॉल्टर फ्रेडरिक मॉरीसन]] ने किया था। उन्होंने [[१९४०]] के दशक में एक तश्तरी को बनाने की योजना बनायी थी, जिसे वह ''वलरेवे'' कहते थे।<ref name="बीबीसी">[http://www.bbc.co.uk/hindi/sport/2010/02/100212_frisbee_inventor_as.shtml फ़्रिस्बी बनाने वाले फ़्रेड का निधन]। बीबीसी-हिन्दी। १३ फ़रवरी २०१०</ref><ref name="दैट्स">[http://thatshindi.oneindia.in/news/2010/02/13/frisbeeinventoras.html फ़्रिस्बी बनाने वाले फ़्रेड का निधन]। दैट्स ऑन हिन्दी। १३ फ़रवरी २०१०</ref> इस काम में उनके सहायक थे वारेन फ्रांसिओनी। [[१९४८]] में यह तश्तरी बाजार में बिकनी शुरू हुई और इसका नाम रखा गया था ''फ्लाइंग सॉसर'', लेकिन तब ये खेल के रूप में कोई खास प्रसिद्धि नहीं ले पायी। [[१९५५]] में मॉरीसन ने इसका नाम रखा प्लूटो प्लेटर। यह नाम रखे जाने के पीछे अमेरिकी जनमानस में उड़नतश्तरियों के प्रति बढ़ता कौतुहल था। इसी तश्तरी के आधार पर भावी फ्रिज्बी का रूप तैयार किया गया था।<ref name="हिन्दुस्तान"/> सन् [[१९५७]] में [[व्हैम-ओ]] नामक कंपनी ने इनका उत्पादन शुरू किया और मॉरीसन को फ्रिज्बी निर्माण का पेटेंट प्रदान किया गया था। इसी वर्ष प्लूटो प्लेटर का नाम बदलकर ''फ्रिज्बी'' रखा गया था जिसके पीछे व्हैम-ओ कंपनी के सहायक संस्थापक का योगदान रहा था।<ref name="बीबीसी"/>
[[१९६०]] के दशक में व्हैम-ओ के जनरल मैनेजर एड हैड्रिक ने इसकी बिक्री बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई थी। हैड्रिक जिन्हें डिस्क स्पोटर्स के जनक के रूप में जाना जाता है, ने बाद में ''द इंटरनेशनल फ्रिज्बी एसोसिएशन'' की भी नींव रखी थी।<ref name="हिन्दुस्तान"/> उन्होंने इसी खेल के कई नए रूपों में खेलने की विधियां शुरू की। हैड्रिक ने ही फ्रिज्बी के नए व्यावसायिक रूपांकन का आरंभ किया था, जिसके लिए उन्हें इस खेल का पेटेंट प्रदान किया गया था।<ref name="बीबीसी"/>
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