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'''क्वेटा''' ([[उर्दू भाषा|उर्दू]]: کوئٹہ, [[पश्तो भाषा|पश्तो]]: کوټه, [[बलोच भाषा और साहित्य|बलोची]]: کویته), [[पाकिस्तान]] के प्रांत [[बलूचिस्तान (पाकिस्तान)|बलूचिस्तान]] की राजधानी है साथ ही यह पाकिस्तान का नौवां सबसे बड़ा शहर है। इस शहर को पाकिस्तान का 'फलों का बगीचा' भी कहा जाता है क्योंकि यह शहर चारों ओर से फलों के बगीचों से घिरा है और यहां फलों और सूखे मेवों का उत्पादन, बड़े पैमाने पर किया जाता है। अपनी सुंदरता और भौगोलिक स्थिति के कारण अतीत में इस शहर को 'छोटा पेरिस' के रूप से भी जाना जाता था। समुद्रतल से क्वेटा की औसत ऊंचाई 1,680 मीटर (5,510 फुट) है जिस कारण यह पाकिस्तान का उच्च ऊंचाई पर स्थित एकमात्र प्रमुख शहर है। अनुमानत: शहर की आबादी लगभग 1140000 है।
पाकिस्तान-[[अफ़ग़ानिस्तान|अफगानिस्तान]] सीमा के निकट उत्तर पश्चिमी बलूचिस्तान में स्थित, क्वेटा दोनों देशों के बीच व्यापार और संचार का केन्द्र है। शहर [[बोलन दर्रा|बोलन दर्रे]] के मार्ग पर स्थित है जो अतीत में [[दक्षिण एशिया]] और [[मध्य एशिया]] के बीच एकमात्र प्रवेशद्वार था। समय समय पर होने वाले [[अफगानी संघर्ष]] में क्वेटा ने पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के लिए सैन्य रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
== परिचय ==
क्वेटा उत्तरपश्चिम पाकिस्तान में लगभग ५,५०० फुट ऊँचाई पर स्थित नगर। यह बिलोचिस्तान जिले का मुख्य नगर है। इस नाम के मूल में 'क्वात-कोट' है और स्थानीय लोग इसे 'शलकोट' कहते हैं। गर्मी में गर्म दिन और ठंढी रातें होती हैं। जाड़े का ताप प्राय: १८० सें. से नीचे रहता है। वार्षिक वर्षा का औसत १० इंच है। प्रसिद्ध बोलन दर्रे पर स्थित होने से इसका सैनिक महत्व रहा है। १८७६ ई. में जब सर राबर्ट संडेमन ने वहाँ रेजीडेंसी स्थापित की तब उसे महत्व प्राप्त हुआ। इससे पूर्व वह एक छोटा सा बाजार था और कुछ मिट्टी के घर तथा छिटपुट बगीचे थे। यहाँ १९०७ में एक सैनिक स्कूल खोला गया और यह पश्चिमी [[अफ़ग़ानिस्तान|अफगानिस्तान]], पूर्वी [[ईरान]] और अधिकांश मध्य एशिया से व्यापार का केंद्र बना और इसे रेलमार्ग से जोड़ा गया। १९३५ में यह नगर एक भीषण [[भूकम्प|भूकंप]] में प्राय: एकदम नष्ट हो गया था। इस भूकंप से मरे लोगों की संख्या २० से ४० हजार के बीच आँकी गई थी। १९५५ में यहाँ दुबारा भूकंप आया था।
आजकल यहाँ पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैनिक अड्डा तथा सैनिक शिक्षालय है और रेलों के द्वारा यह अफगानिस्तान तथा ईरान की सीमा से जुड़ा है। पाकिस्तान के अन्य नगरों को यहाँ से सड़कें जाती हैं। यहाँ मुख्यत: ताजे और सुखे मेवे, फल, जड़ी बूटी और खाल का व्यवसाय होता है।
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