"संख्या पद्धतियाँ": अवतरणों में अंतर

छो 2409:4064:2211:7042:0:0:175A:48A1 (Talk) के संपादनों को हटाकर Raju Jangid के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
पंक्ति 1:
संख्याओं को लिखने एवं उनके नामकरण के सुव्यवस्थित नियमों को '''संख्या पद्धति''' (Number system) कहते हैं। इसके लिये निर्धारित प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है जिनकी संख्या निश्चित एवं सीमित होती है। इन प्रतीकों को विविध प्रकार से व्यस्थित करके भिन्न-भिन्न संख्याएँ निरूपित की जाती हैं।
 
[[दशमलव पद्धति]], [[द्वयाधारी संख्या पद्धति]], [[अष्टाधारी|अष्टाधारी संख्या पद्धति]] तथा [[षोडश आधारी|षोडषाधारी संख्या पद्धति]] आदि कुछ प्रमुख प्रचलित संख्या पद्धतियाँ हैं।
 
== स्थानीय मान पर आधारित संख्या पद्धति ==
पंक्ति 16:
'''युग्मक पद्धति''' में एक और दो के लिए अंक हैं और 3 को 2+1 (अर्थात् एक युग्म और एक), 4 को 2+2 इत्यादि के रूप में प्रकट करते हैं। यह पद्धति [[ऑस्ट्रलिया]] और [[न्यूगिनी]] की जातियों, अफ्रीका की बुशमैन, दक्षिण अमरीका की फ्यूजियन, यमन, ग्वादिकी, शिपया आदि जातियों में है। इस पद्धति की उत्पत्ति शरीर के उन अंगों को देखकर हुई जो जोड़ों में हैं।
 
'''चतुष्टक पद्धति''' में चार से अधिक संख्याएँ, संयोजन द्वारा, इस प्रकार प्रकट की जाती हैं : 5 = 4 + 1; 7 = 4 + 3; 8 = 4 + 4 या 2 x 4। विशेष रूप से [[कैलिफ़ोर्निया|कैलिफोर्निया]] में सलिना जाति द्वारा यह पद्धति प्रयुक्त होती है। वहाँ आकाश के चार भागों का धर्म, परंपरा और देवकथाओं में विशेष महत्व है।
 
'''षटक पद्धति''' मूल रूप से उत्तर-पश्चिमी [[अफ़्रीका|अफ्रीका]] ही हुका, बुलंदा, एप्को जातियों में प्रचलित है। आगे चलकर यह '''द्वादश पद्धति''' में विकसित हुई। इसकी विशेषता यह है कि 12 के नि:शेष खंड कितने ही हो जाते हैं। इसी कारण यह ज्योतिष, लंबाई मापन और मुद्राप्रणाली में प्रचलित हुई।
 
'''पंचक पद्धति''' अविकल रूप से [[दक्षिण अमेरिका|दक्षिण अमरीका]] के सरावेका की अरोवक भाषा में मिलती है। अन्यत्र इसका संयोजन '''दशमक''' या '''विंशति पद्धति''' के साथ हो गया है। विंशति पद्धति में आधार 20 है। इसे पंचक, दशमक और युग्मक पद्धतियों से संयुक्त पाया जाता है। इन पद्धतियों का आरंभ हाथ और पैर की अंगुलियों से हुआ। इस प्रकार "पाँच" का अर्थ हाथ, दस का अर्थ दोनों हाथ, 15 का अर्थ दोनों हाथ और एक पैर तथा 20 का अर्थ दोनों पैर और हाथ, अर्थात् पूर्ण मनुष्य, हो जाता है।
 
'''पंचक विंशति पद्धति''' प्राय: ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूगिनी के कुछ भागों में, एशिया-यूरोप की सीमा पर और तिब्बती-वर्मी भाषाओं के हिमालयी वर्ग में है। दशमक विंशति पद्धति, मुंडा भाषाओं, हिमालय के तिब्बती-चीनी वर्गों और काकेशिया की भाषाओं में प्रचलित है।
पंक्ति 34:
* [[द्वयाधारी संख्या पद्धति]] (बाइनरी नम्बर सिस्टम)
* [[अष्टाधारी|अष्टाधारी संख्या पद्धति]] (ऑक्टल नम्बर सिस्टम)
* [[षोडश आधारी|षोडशाधारी संख्या पद्धति]] (हेक्साडेसिमल नम्बर सिस्टम)
* [[दशमलव पद्धति]] (डेसिमल नम्बर सिस्टम)
* [[संख्या सिद्धान्त]] (नम्बर सिस्टम)