"हिमानी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Baltoro glacier from air.jpg|right|thumb|350px|[[काराकोरम]] की [[बाल्तोरो हिमानी]] ]]
 
'''हिमानी''' या '''हिमनद''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] [[:en:Glacier|Glacier]]) [[पृथ्वी]] की सतह पर विशाल आकार की गतिशील बर्फराशि को कहते है जो अपने भार के कारण पर्वतीय ढालों का अनुसरण करते हुए नीचे की ओर प्रवाहमान होती है। ध्यातव्य है कि यह हिमराशि सघन होती है और इसकी उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहाँ हिमपात की मात्रा हिम के क्षय से अधिक होती है और प्रतिवर्ष कुछ मात्रा में हिम अधिशेष के रूप में बच जाता है। वर्ष दर वर्ष हिम के एकत्रण से निचली परतों के ऊपर दबाव पड़ता है और वे सघन हिम (Ice) के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। यही सघन हिमराशि अपने भार के कारण ढालों पर प्रवाहित होती है जिसे हिमनद कहते हैं। प्रायः यह हिमखंड नीचे आकर पिघलता है और पिघलने पर [[जल]] देता है।
 
पृथ्वी पर ९९% हिमानियाँ ध्रुवों पर ध्रुवीय हिम चादर के रूप में हैं। इसके अलावा गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों के हिमनदों को [[अल्पाइन हिमनद]] कहा जाता है और ये उन ऊंचे पर्वतों के सहारे पाए जाते हैं जिन पर वर्ष भर ऊपरी हिस्सा हिमाच्छादित रहता है।<ref>Post, Austin; LaChapelle, Edward R (2000). Glacier ice. Seattle, Washington: University of Washington Press. ISBN 0-295-97910-0</ref>
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# [[खुर्दोपिन हिमनद|खुर्दोपिन]] - काराकोरम श्रेणी
# [[रूपल हिमनद|रूपल]] - काश्मीर
# [[रिमो हिमनद|रिमो]] - काश्मीर, ४० किलोमीटर लम्बा
# [[सोनापानी हिमनद|सोनापानी]] - काश्मीर
# [[केदारनाथ हिमनद|केदारनाथ]] - उत्तराखंड कुमायूँ