"सिकंदर": अवतरणों में अंतर

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[[File:Alexander the Great mosaic.jpg|thumb|Alexander the Great mosaic]]
'''[https://historyguruji.com/alexzender-invasion/ सिकंदर]''' या '''अलेक्जेंडर द ग्रेट''' ('''{{lang-en|Alexander}}''') ('''[[यूनानी भाषा|यूनानी]]: Αλέξανδρος''') (356 ईपू से 323 ईपू) मकदूनियाँ, ([https://historyguruji.com/alexzender-invasion/ मेसेडोनिया]) का [[ग्रीक]] प्रशासक था। वह ''एलेक्ज़ेंडर तृतीय'' तथा ''एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन'' नाम से भी जाना जाता है।स ना गया है। अपनी मृत्युआर तक वह उन सभी भूमि मे से लगभग आधी भूमि जीत चुका था, जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक लोगों को थी (सत्य ये है की वह पृथ्वी के मात्र 5 प्रतिशत हिस्से को ही जीत पाया sikndra of is Dade 37 varsh mein hui thiथा){{cn}} और उसके विजय रथ को रोकने में सबसे मुख्य भूमिका [[भारत]] के राजा पुरु (जिन्हें युनानी इतिहासकारों नें [[पोरस]] से सम्बोधित किया है)<ref>{{cite web|url=https://www.bbc.com/hindi/india-42164678|title=सिकंदर को कांटे की टक्कर देने वाले राजा पोरस कौन थे}}</ref> और भारत के क्षेत्रीय सरदारों की थी, जिन्होंने सिकंदर की सेना में अपने पराक्रम के दम पर भारत के प्रति खौफ पैदा कर उसके हौसले पस्त कर दिये और उसे भारत से लौटने पर मजबूर कर दिया। उसने अपने कार्यकाल में [[इरान]], [[सीरिया]], [[मिस्र]], [[मसोपोटेमिया]], फिनीशिया, जुदेआ, गाझा, [[बॅक्ट्रिया]] और [[भारत]] में [[पंजाब]]( जिसके राजा पुरु थे) तक के प्रदेश पर विजय हासिल की थी परन्तु बाद में वो मगध मे नंद वंश की विशाल सेना से डर कर लौट गया। उल्लेखनीय है कि उपरोक्त क्षेत्र (गंधार और पौरव राष्ट्र नहीं) उस समय [[फ़ारसी]] साम्राज्य के अंग थे और फ़ारसी साम्राज्य सिकन्दर के अपने साम्राज्य से कोई 40 गुना बड़ा था। फारसी में उसे ''एस्कंदर-ए-मक्दुनी'' (मॅसेडोनिया का अलेक्ज़ेंडर, एस्कन्दर का अपभ्रंश सिकन्दर है) औऱ [[हिंदी]] में अलक्षेन्द्र कहा गया है।{{cn}}
 
== उतराधिकारी के रूप में==