"बस्तर": अवतरणों में अंतर

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'''बस्तर''' [[छत्तीसगढ़]] [[प्रांत|प्रान्त]] का एक [[ज़िला|जिला]] है।
ख़ूबसूरत जंगलों और आदिवासी संस्कृति में रंगा ज़िला [[बस्तर]], प्रदेश‌ की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर जाना जाता है। 39114 वर्ग किलोमीटर में फैला ये ज़िला एक समय केरल जैसे राज्य और बेल्जियम, इज़राइल जैसे देशॊ से बड़ा था। ज़िले का संचालन व्यवस्थित रूप से हो सके इसके लिए 1998 में इसमें से दो अलग ज़िले [[कांकेर]] और [[दंतेवाड़ा]] बनाए गए। बस्तर का ज़िला मुख्यालय [[जगदलपुर]], राजधानी रायपुर से 305 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ज़िले की करीब 70 प्रतिशत आबादी गौंड, मारिया-मुरिया, ध्रुव और हलबा जाति की है। उड़ीसा से शुरू होकर [[बीजापुर]] की भद्रकाली नदी में समाहित होने वाली करीब 290 किलोमीटर लंबी [[इंद्रावती नदी]] बस्तर के लोगों के लिए आस्था और भक्ति की प्रतीक है। [[इंद्रावती नदी]] के मुहाने पर बसा [[जगदलपुर]] एक प्रमुख सांस्कृतिक एवं हस्तशिल्प केन्द्र है। यहां मौजूद मानव विज्ञान संग्रहालय में बस्तर के आदिवासियों की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं मनोरंजन से संबंधित वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। डांसिंग कैक्टस कला केन्द्र, [[बस्तर]] के विख्यात कला संसार की अनुपम भेंट है। यहां एक प्रशिक्षण संस्थान भी है। पर्यटन स्थल - [[बस्तर]] महल, दलपत सागर, [[चित्रकोट जलप्रपात|चित्रकोट]] जलप्रपात, [[तीरथगढ़]] जलप्रपात, [[कुटुमसर]] और [[कैलाश गुफा],और एक [[ग्रिन गुफा]] मिला है।
 
== बस्तर का इतिहास संस्था संस्था ==
यह पहले के [[दक्षिण कोसल|दक्षिण कौशल]] नाम से जाना जाता था। क्यों की यहाँ बहुत जंगल था इसलिए इसका नाम [[दक्षिण कोसल|दक्षिण कौशल]] पड़ा। यह काकतीय वंश के राजा पुरूषोत्तम देव का शासन क्षेत्र था जिन्हें रथपति की उपाधि ओड़िसा के राजा द्वारा दिया गया था तथा राजा पुरूषोत्तम देव द्वारा बस्तर में गोंचा पर्व की शुरुवात की गई।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/बस्तर" से प्राप्त