"जे॰ जे॰ थॉमसन": अवतरणों में अंतर

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|death_place = [[कैम्ब्रिज]], ब्रिटेन
|nationality = ब्रिटिश
|fields = [[भौतिक शास्त्र|भौतिकी]]
|workplaces = [[कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय]]
|alma_mater = मैनचेस्टर विश्वविद्यालय</br>[[कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय]]
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इनकी शुरुआती शिक्षा एक छोटे से प्राइवेट स्कूल में हुई जहाँ इन्होने अद्भुत प्रतिभा और विज्ञान में रूचि का प्रदर्शन किया। १८७० में इनका एडमिशन ओवेन्स कॉलेज में हुआ जब इनकी उम्र मात्र १४ वर्ष थी, जो एक असाधारण बात थी। इनके पिता की योजना यह थी कि इन्हें शार्प-स्टीवर्ट एंड कं में, जो रेल इंजन बनाती थी, एक अप्रेंटिस इंजीनियर के रूप में दाखिला करा दिया जाय, लेकिन इस योजना का क्रियान्वयन नहीं हो पाया क्योंकि पिता का १८७३ में देहांत हो गया।
 
१८७६ में वे [[ट्रिनिटी कॉलेज, डबलिन|ट्रिनिटी कॉलेज]] आ गए। १८८० में गणित में बी ए की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने आवेदन किया और १८८१ में वे ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो चुन लिए गए। १८८३ में इन्होने ऍमए की उपाधि (एडम्स पुरस्कार के साथ) प्राप्त की।
 
१२ जून १८८४ को इन्हें रॉयल सोसाइटी का फेलो चुना गया। बाद में ये १९१५ से १९२० तक इसके अध्यक्ष भी रहे।
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२२ दिसम्बर १८८४ को इन्हें [[कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय]] में कैवेंडिश प्रोफ़ेसर ऑफ फिजिक्स चुना गया। यह नियुक्ति काफी आश्चर्यजनक थी क्योंकि अन्य प्रतिस्पर्धी जैसे कि रिचार्ड ग्लेज़ब्रुक इनसे उम्र में भी बड़े थे और प्रयोगशाला कार्य में भी अधिक अनुभवी थे। थॉमसन को मुख्यतः इनके गणित में किये कार्यों के लिए जाना जाता था जहाँ इन्हें एक असाधारण प्रतिभा के रूप में पहचान मिली थी।
 
१८९० में थॉमसन का विवाह रोस एलिजाबेथ पैगेट से हुआ जो सर जॉर्ज एडवर्ड पैगेट, केसीबी, एक चिकित्सक और चर्च ऑफ सेंट मेरी दि लेस में तत्कालीन रेज़ियस प्रोफ़ेसर ऑफ फिजिक्स ऑफ कैम्ब्रिज (चिकत्सा विज्ञान की एक प्रोफ़ेसरशिप) थे। [[एलिज़ाबेथ प्रथम|एलिजाबेथ]] और थॉमसन का एक बेटा, जॉर्ज पेगेट थॉमसन और एक बेटी जोआन पेगेट थॉमसन हुईं।
 
थॉमसन को १९०६ में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया<ref>{{Cite web|url=https://www.nobelprize.org/prizes/physics/1906/summary/|title=The Nobel Prize in Physics 1906|website=NobelPrize.org|accessdate=14 मई 2019}}</ref>, "गैसों से होकर विद्युत प्रवाह के प्रयोगात्मक परीक्षणों और संबंधित सैद्धान्तिक कार्यों की उच्च गुणवत्ता को देखते हुए"। इन्हें १९०८ में नाइटहुड प्राप्त हुई, १९१२ में ऑर्डर ऑफ मेरिट में नियुक्ति मिली और १९१४ में इन्होने "परमाणविक सिद्धान्त" (दि एटोमिक थ्योरी) पर [[ऑक्सफ़ोर्ड|ऑक्सफोर्ड]] में रोमान्सेस अभिभाषण दिया।
१९१८ में ये कैम्ब्रिज में मास्टर ऑफ ट्रिनिटी कॉलेज बनाये गए और जीवनपर्यन्त इस पद पर रहे। जोसेफ़ जॉन थॉमसन का देहान्त ३० अगस्त १९४० को हुआ; इनकी अस्थियाँ वेस्टमिन्स्टर ऍबे में, सर आइजक न्यूटन और थॉमसन के अपने शिष्य अर्न्स्ट रदरफ़ोर्ड की कब्रों के पास दफनाई गयी हैं।
 
आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रतिभासंपन्न अध्यापक के रूप में दिए गए उनके योगदानों को अत्यंत महत्वपूर्ण स्वीकारा जाता है। इनके शिष्यों में से एक, अर्न्स्ट रदरफ़ोर्ड रहे जिन्होंने कैवेंडिश प्रोफ़ेसर के रूप में इनका उत्तराधिकार संभाला। खुद थॉमसन के अतिरिक्त इनके शोध सहायकों में से आठ लोग (फ्रान्सिस विलियम एस्टन, चार्ल्स ग्लोवर बर्कला, नील्स बोर, मैक्स बॉर्न, विलियम हेनरी ब्रैग , ओवेन्स विलान्स रिचर्डसन, एर्न्स्ट रदरफोर्ड, और चार्ल्स थॉमसन रीज विल्सन) और इनके पुत्र ने भौतिकी अथवा रसायनविज्ञान के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार अर्जित किया। इनके बेटे को १९३७ में इलेक्ट्रानों के तरंगवत अभिलक्षणों को साबित करने के लिए [[नोबेल पुरस्कार|नोबल पुरस्कार]] मिला।
 
==विज्ञानी जीवन==
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* [[फ्रेंकलिन मेडल]] (१९२२)
 
वर्ष १९९१ में, उनके सम्मान में [[द्रव्यमान स्पेक्ट्रममिति|द्रव्यमान वर्णक्रममाप]] में द्रव्यमान-आवेश अनुपात के रूप में [[थॉमसन (इकाई)|थॉमसन]] (प्रतीक: Th) प्रस्तावित किया गया।<ref>{{cite journal|title=The 'Thomson'. A suggested unit for mass spectroscopists|journal=[[रैपिड कम्युनिकेशन इन मास स्पेक्ट्रोमेट्री]]|year=1991|first=R. G.|last=Cooks|author2=A. L. Rockwood|volume=5|issue=2|page=93}}</ref>
 
उनकी याद में [[कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय]] परिसर में जे॰जे॰ थॉमसन अवेन्यू का नामकरण किया गया।<ref>{{cite web|url=http://www.cambridgenetwork.co.uk/news/cambridge-physicist-is-streets-ahead/|title=Cambridge Physicist is streets ahead|accessdate=2014-07-31|date=2002-07-18}}</ref>