"इंग्लैंड के एडवर्ड षष्ठम": अवतरणों में अंतर

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}}
| coronation = 20 फरवरी 1547
| predecessor = [[इंग्लैंड के हेनरी अष्टम|इंग्लैंड का हेनरी अष्टम]]
| successor = [[लेडी जेन ग्रे]] ''(विवादित)'' ''या '' [[मैरी १, इंग्लैंड की रानी|मैरी I]]
| house = [[ट्यूडर राजवंश|ट्यूडर राजघराना]]
| father = [[इंग्लैंड के हेनरी अष्टम|हेनरी ८]]
| mother = [[जेन सीमोर]]
| birth_date = {{birth date|1537|10|12|df=yes}}
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| death_place = [[ग्रीनविच महल]], केंट, इंग्लैंड
| date of burial = 8 अगस्त 1553
| place of burial = [[हेनरी ७ लेडी चैपेल]], [[वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी|वेस्टमिंस्टर ऐबी]], इंग्लैंड
| religion = [[इंग्लैंड का कलीसिया|इंग्लैंड का गिरिजाघर]]
| signature = EdwardVI Signature.svg
}}
'''एडवर्ड षष्टम''', ''Edward VI'' (12 अक्टूबर 1537 – 6 जुलाई 1553) 28 जनवरी 1547 से अपनी मृत्यु तक आयरलैंड और [[अंग्रेज शासकों की सूची|इंग्लैंड का राजा]] था। २० फरवरी को ९ वर्ष की उम्र में उसका [[राज्याभिषेक]] किया गया था।<ref>[[इंग्लैंड के हेनरी अष्टम|Henry VIII]] ने "Lord of Ireland" की उपाधि को "King of Ireland" से 1541 में बदल दिया था; एडवर्ड ने [[फ्रांस के सिंहासन पर अंग्रेजों का दावा]] बरकरार रखा लेकिन कभी उसपर शासन नहीं किया। देखें {{Harvnb|Scarisbrick|1971|pp=548–49}}, और {{Harvnb|Lydon|1998|p=119}}.</ref> [[इंग्लैंड के हेनरी अष्टम|हेनरी ८]] और [[जेन सीमोर]] का पुत्र एडवर्ड ट्यूडर राजवंश का तीसरा शासक सम्राट था। [[प्रोटेस्टेंट संप्रदाय|प्रोटेस्टैंट]] विचारों के तहत शिक्षित होने और बड़ा होने वाला भी वो इंग्लैंड का पहला राजा था। एक किशोर होने के नाते एडवर्ड के शासनकाल में उसका साम्राज्य वास्तव में एक [[राज अधिकारी]] द्वारा शासित होता था। राज्याधिकारियों की इस समिति के पहले अध्यक्ष उसके [[मामा]] [[एडवर्ड सीमोर, सोमरसेट का पहला ड्यूक|एडवर्ड सीमोर]] (1547–1549), और बाद में [[जॉन डुडली, नॉर्थम्बरलैंड का पहला ड्यूक|जॉन डुडली]] थे।
 
एडवर्ड का शासनकाल इंग्लैंड में आर्थिक और सामाजिक विसंगतियों के लिये याद किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप 1549 में वहाँ दंगे और विद्रोह होने लगे थे। [[स्कॉटलैंड का साम्राज्य|स्कॉटलैंड]] के साथ एक बहुत ही महंगी लड़ाई जो पहले तो सफल रही लेकिन बाद में समझौतों और सेनाओं को पीछे खींचने पर और [[बोलोग्न की घेरेबंदी (१५४४-४६)|पिता द्वारा विजित बोलोग्न]] को शांति की स्थापना के लिये वापस फ्रांस को देने पर खत्म हुई। गिरिजाघर का आधिकारिक रूप से प्रोटेस्टैंट गिरिजाघर के रूप में पहचाना जाना भी एडवर्ड के ही शासनकाल में हुआ जो धार्मिक कार्यों में बहुत रूचि लेता था। हालांकि उसके पिता हेनरी अष्टम ने रोमन कैथोलिक गिरिजाघर और [[इंग्लैंड का गिरिजाघरकलीसिया|अंग्रेजी गिरिजाघर]] के बीच संबंध विच्छेद करवा दिया था लेकिन उसने कभी भी वहाँ पर कैथोलिक मान्यताओं व समारोहों के प्रचलन को बंद नहीं करवाया था। एडवर्ड के राज में प्रोटेस्टैंट विचारधारा को आधिकारिक मान्यता दी गई, पादरियों को अनिवार्य ब्र्हमचर्य से मुक्ति और अनिवार्य सामूहिक प्रार्थनाओं की समाप्ति के नियम बनाए गये। इन सुधारों के निर्माता [[कैंटरबरी के शीर्ष पादरी]] [[थॉमस क्रैनमर]] थे जिनकी लिखी पुस्तक ''[[आम प्रार्थना की पुस्तक]]'' (बुक ऑफ़ कॉमन प्रेयर) का उपयोग आज भी किया जाता है।
 
फरवरी 1553 में 15 की उम्र में एडवर्ड बीमार पड़ गया। जब ऐसा लगा की उसकी बीमारी गंभीर है और वो नहीं बचेगा तब तब उसने अपनी सलाहकार समिति के साथ मिलकर [[तीसरा उत्तराधिकार कानून]] में परिवर्तन करने के लिये "उत्तराधिकार के लिये इच्छापत्र" तैयार किया जिसमें मैरी के सत्ता ग्रहण करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया ताकि देश बापस कैथोलिक धर्म की ओर ना जाए। एडवर्ड ने अपनी बुआ [[मैरी ट्यूडर, फ्रांस की रानी|मैरी ट्यूडर]] की <abbr name="बेटी की बेटी">नातिन</abbr> [[लेडी जेन ग्रे]], को अपना उत्तराधिकारी बना दिया और अपनी सौतेली बहनों [[मैरी १, इंग्लैंड की रानी|मैरी १]] और [[एलिज़ाबेथ प्रथम]] को उत्तराधिकार पंक्ति से हटा दिया। हालांकि एडवर्ड की मृत्यु के पश्चात इस फैसले को चुनौती दी गई और जेन को १३ दिनों के अंदर मैरी ने पदच्युत कर दिया। इसलिये जेन को ''नौ दिनों की रानी'' भी कहा जाता है। रानी के तौर पर मैरी ने एडवर्ड द्वारा किये गये सभी प्रोटेस्टैंट बदलावों को पलट दिया जो कि बाद में 1559 के [[एलिज़ाबेथ के धार्मिक समाधान]] (''एलिज़बेथिअन रिलीज़ियस सेटलमेंट'') का आधार बने।