"पर्यावरण": अवतरणों में अंतर

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[[File:Nubra valley hunder.jpg|thumb|right|250px| प्राकृतिक पर्यावरण - जम्मू-कश्मीर के [[लद्दाख़|लद्दाख]] क्षेत्र में [[नुब्रा घाटी]] का एक दृश्य]]
[[File:Suburbia by David Shankbone.jpg|thumb|right|250px| [[मानव निर्मित पर्यावरण]] - kptwm
 
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[[कॉलराडोकॉलोराडो|कोलोरोडो]] क्षेत्र में मानव आवास का एक दृश्य]]
[[चित्र:Emissão+de+gases+poluentes.jpg|thumb|right|250px|[[प्रदूषण|पर्यावरण प्रदूषण]] - कारखानों द्वारा धुएँ का उत्सर्जन]]
 
'''पर्यावरण''' ({{lang-en|Environment}}) शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिल कर हुआ है। "परि" जो हमारे चारों ओर है"आवरण" जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की समष्टिगत इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा [[पारिस्थितिक तन्त्र|पारितंत्रीयपारितंत्र]]ीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं।
 
सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं के समुच्चय से निर्मित इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी के अन्दर सम्पादित होती है तथा हम मनुष्य अपनी समस्त क्रियाओं से इस पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं। इस प्रकार एक जीवधारी और उसके पर्यावरण के बीच अन्योन्याश्रय संबंध भी होता है।
 
पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म [[जीवाणु]] से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधे आ जाते हैं और इसके साथ ही उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएँ और प्रक्रियाएँ भी। अजैविक संघटकों में जीवनरहित तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएँ आती हैं, जैसे: [[चट्टानशैल|चट्टानें]], पर्वत, नदी, हवा और [[जलवायु]] के तत्व इत्यादि।
 
==परिचय==
''सामान्यतः पर्यावरण को मनुष्य के संदर्भ में परिभाषित किया जाता है और मनुष्य को एक अलग इकाई और उसके चारों ओर व्याप्त अन्य समस्त चीजों को उसका पर्यावरण घोषित कर दिया जाता है। किन्तु यहाँ यह भी ध्यातव्य है कि अभी भी इस धरती पर बहुत सी मानव सभ्यताएँ हैं, जो अपने को पर्यावरण से अलग नहीं मानतीं और उनकी नज़र में समस्त [[प्रकृति]] एक ही इकाई है।जिसका मनुष्य भी एक हिस्सा है।<ref>Jamieson, Dale. (2007). The Heart of Environmentalism. In R. Sandler & P. C. Pezzullo. Environmental Justice and Environmentalism. (pp. 85-101). Massachusetts Institute of Technology Press.</ref> वस्तुतः मनुष्य को पर्यावरण से अलग मानने वाले वे हैं जो तकनीकी रूप से विकसित हैं और विज्ञान और [[प्रौद्योगिकी|तकनीक]] के व्यापक प्रयोग से अपनी प्राकृतिक दशाओं में काफ़ी बदलाव लाने में समर्थ हैं।''
 
''मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण'' को दो प्रखण्डों में विभाजित किया जाता है - प्राकृतिक या नैसर्गिक पर्यावरण और [[मानव निर्मित पर्यावरण]]।<ref>बासक, अनिंदिता - [http://books.google.co.in/books?id=gWyUErc2c_4C&lpg=PT4&dq=%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8&pg=PT4#v=onepage&q=%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8&f=false पर्यावरणीय अध्ययन], गूगल पुस्तक, (अभिगमन तिथि 04-08-2014</ref> हालाँकि पूर्ण रूप से प्राकृतिक पर्यावरण (जिसमें मानव हस्तक्षेप बिल्कुल न हुआ हो) या पूर्ण रूपेण मानव निर्मित पर्यावरण (जिसमें सब कुछ मनुष्य निर्मित हो), कहीं नहीं पाए जाते। यह विभाजन प्राकृतिक प्रक्रियाओं और दशाओं में मानव हस्तक्षेप की मात्रा की अधिकता और न्यूनता का द्योतक मात्र है। [[पारिस्थितिकी]] और [[पर्यावरण भूगोल]] में प्राकृतिक पर्यावरण शब्द का प्रयोग [[पर्यावास]] (habitat) के लिये भी होता है।
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तकनीकी मानव द्वारा आर्थिक उद्देश्य और जीवन में विलासिता के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु प्रकृति के साथ व्यापक छेड़छाड़ के क्रियाकलापों ने [[प्राकृतिक पर्यावरण]] का संतुलन नष्ट किया है, जिससे प्राकृतिक व्यवस्था या प्रणाली के अस्तित्व पर ही संकट उत्पन्न हो गया है। इस तरह की समस्याएँ पर्यावरणीय अवनयन कहलाती हैं।
 
पर्यावरणीय समस्याएँ जैसे [[प्रदूषण]], [[जलवायु परिवर्तन]] इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिये प्रेरित कर रही हैं और अब [[पर्यावरण संरक्षण]] और [[पर्यावरण प्रबन्धन|पर्यावरण प्रबंधन]] की चर्चा है।<ref>सुरेश लाल श्रीवास्तव [http://books.google.co.in/books?id=e7L0-bZU_mcC&lpg=PT76&dq=%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3&pg=PT76#v=onepage&q=%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3&f=false प्रतियोगिता दर्पण, मार्च, २००९]</ref> मनुष्य वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से अपने द्वारा किये गये परिवर्तनों से नुकसान को कितना कम करने में सक्षम है, आर्थिक और राजनैतिक हितों की टकराव में पर्यावरण पर कितना ध्यान दिया जा रहा है और मनुष्यता अपने पर्यावरण के प्रति कितनी जागरूक है, यह आज के ज्वलंत प्रश्न हैं।<ref>सुरेश लाल श्रीवास्तव [http://books.google.co.in/books?id=e7L0-bZU_mcC&lpg=PT76&dq=%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3&pg=PT76#v=onepage&q=%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3&f=false प्रतियोगिता दर्पण, मार्च, २००९]</ref>
<ref>मधु अस्थाना[http://books.google.co.in/books?id=enN62TE4urcC&lpg=PA4&dq=%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3&pg=PA13#v=onepage&q=%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3&f=false पर्यावरण एक संक्षिप्त अध्ययन]</ref>
 
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पर्यावरण शब्द संस्कृत भाषा के 'परि' उपसर्ग (चारों ओर) और 'आवरण' से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ऐसी चीजों का समुच्चय जो किसी व्यक्ति या जीवधारी को चारों ओर से आवृत्त किये हुए हैं। पारिस्थितिकी और भूगोल में यह शब्द अंग्रेजी के ''environment'' के पर्याय के रूप में इस्तेमाल होता है।
 
अंग्रेजी शब्द ''environment'' स्वयं उपरोक्त पारिस्थितिकी के अर्थ में काफ़ी बाद में प्रयुक्त हुआ और यह शुरूआती दौर में आसपास की सामान्य दशाओं के लिये प्रयुक्त होता था। यह [[फ़्रान्सीसी भाषा|फ़्रांसीसी भाषा]] से उद्भूत है<ref>[https://en.wiktionary.org/wiki/environment अंग्रेजी विक्षनरी]</ref> जहाँ यह "state of being environed" (see environ + -ment) के अर्थ में प्रयुक्त होता था और इसका पहला ज्ञात प्रयोग कार्लाइल द्वारा जर्मन शब्द ''Umgebung'' के अर्थ को फ्रांसीसी में व्यक्त करने के लिये हुआ।<ref>[http://www.etymonline.com/index.php?term=environment Online etymology dictionary]</ref>
 
==पर्यावरण का ज्ञान==
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पर्यावरण अपनी सम्पूर्णता में एक इकाई है जिसमें अजैविक और जैविक संघटक आपस में विभिन्न अन्तर्क्रियाओं द्वारा संबद्ध और अंतर्गुम्फित होते हैं। इसकी यह विशेषता इसे एक [[पारितंत्र]] का रूप प्रदान करती है क्योंकि पारिस्थितिक तंत्र या पारितंत्र पृथ्वी के किसी क्षेत्र में समस्त जैविक और अजैविक तत्वों के अंतर्सम्बंधित समुच्चय को कहते हैं। अतः पर्यावरण भी एक पारितंत्र है।<ref>सविन्द्र सिंह, ''जैव भूगोल'', प्रयाग पुस्तक भवन</ref>
 
पृथ्वी पर पैमाने (scale) के हिसाब से सबसे वृहत्तम पारितंत्र [[जैवमण्डल|जैवमंडल]] को माना जाता है। जैवमंडल पृथ्वी का वह भाग है जिसमें जीवधारी पाए जाते हैं और यह स्थलमंडल, जलमण्डल तथा वायुमण्डल में व्याप्त है। पूरे पार्थिव पर्यावरण की रचना भी इन्हीं इकाइयों से हुई है, अतः इन अर्थों में वैश्विक पर्यावरण, जैवमण्डल और पार्थिव पारितंत्र एक दूसरे के समानार्थी हो जाते हैं।
 
माना जाता है कि पृथ्वी के वायुमण्डल का वर्तमान संघटन और इसमें ऑक्सीजन की वर्तमान मात्रा पृथ्वी पर जीवन होने का कारण ही नहीं अपितु परिणाम भी है। प्रकाश-संश्लेषण, जो एक जैविक (या पारिस्थितिकीय अथवा जैवमण्डलीय) प्रक्रिया है, पृथ्वी के वायुमण्डल के गठन को प्रभावित करने वाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया रही है। इस प्रकार के चिंतन से जुड़ी विचारधारा पूरी पृथ्वी को एक इकाई ''[[गाया संकल्पना|गाया]]''<ref>[http://www.oxforddictionaries.com/definition/english/Gaia गाया परिकल्पना], ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी पर (अभिगमन तिथि 05-08-2014)</ref> या सजीव पृथ्वी (living earth) के रूप में देखती है।<ref>Lovelock, J.E. (1 अगस्त 1972). "Gaia as seen through the atmosphere". Atmospheric Environment (1967) (Elsevier) 6 (8): 579–580. </ref>
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== इन्हें भी देखें==
{{Div col|3}}
*[[पर्यावरणीय विज्ञान|पर्यावरण विज्ञान]]
*[[पर्यावरणीय विज्ञान|पर्यावरणीय अध्ययन]]
*[[प्रदूषण|पर्यावरण प्रदूषण]]
*[[पर्यावरणीय अवनयन]]
*[[जलवायु परिवर्तन]]
पंक्ति 115:
*[[प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन]]
*[[जनसंख्या]]
*[[मानव जनाधिक्य|जनसंख्या विस्फोट]]
*[[पारितंत्र|पारिस्थितिक तंत्र]]
*[[पारिस्थितिकी]]
*[[भूदृश्य पारिस्थितिकी]]
पंक्ति 122:
*[[पर्यावरण भूगोल]]
*[[भौगोलिक सूचना तंत्र]]
*[[जैवमण्डल|जैवमंडल]]
*[[बायोम|जीवोम]]
*[[जल संसाधन]]
*[[जल संसाधन प्रबंधन]]
*[[पर्यावरण प्रबन्धन|पर्यावरण प्रबंधन]]
*[[पर्यावरण संरक्षण]]
*[[पर्यावरण दर्शन]]