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'''कुन्तगोडु विभूति सुब्बण्ण''' (20 फरवरी 1932 – 16 जुलाई 2005) प्रसिद्ध [[कन्नड़ भाषा|कन्नड]] लेखक एवं [[नाटक]]कार थे। उन्होने विश्वप्रसिद्ध '[[नीनासं]] (''नीलकण्ठ नाट्य संघ'') की स्थापना की। इनके द्वारा रचित एक [[निबंध–संग्रह]] ''[[कविराज मार्ग मत्तु कन्नड जगत्तु ]]'' के लिये उन्हें सन् २००३ में [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] ([[साहित्य अकादमी पुरस्कार कन्नड़|कन्नड़]]) से सम्मानित किया गया।<ref name="sahitya">{{cite web | url=http://sahitya-akademi.gov.in/sahitya-akademi/awards/akademi%20samman_suchi_h.jsp | title=अकादमी पुरस्कार | publisher=साहित्य अकादमी | accessdate=11 सितंबर 2016}}</ref>
 
==सन्दर्भ==