"मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
पंक्ति 41:
भारत-रत्न से सम्मानित डॉ॰ मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरैया ने सौ वर्ष से अधिक की आयु पाई और अन्त तक सक्रिय जीवन व्यतीत किया। एक बार एक व्यक्ति ने उनसे पूछा, 'आपके चिर यौवन का रहस्य क्या है?' डॉ॰ विश्वेश्वरैया ने उत्तर दिया, 'जब बुढ़ापा मेरा दरवाज़ा खटखटाता है तो मैं भीतर से जवाब देता हूं कि विश्वेश्वरैया घर पर नहीं है। और वह निराश होकर लौट जाता है। बुढ़ापे से मेरी मुलाकात ही नहीं हो पाती तो वह मुझ पर हावी कैसे हो सकता है?'
 
==कार्यशैली==
==कृतियाँ==
 
== Works ==
* {{Citation |last=Visvesvaraya |first=M |title=Reconstructing India |publisher=P. S. King & son, ltd |year=1920 |url=https://books.google.com/books?id=J0I_AAAAIAAJ |oclc=2430680}}