"वर्नर हाइजनबर्ग": अवतरणों में अंतर

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→‎जीवन और वृत्ति: गणित में बेहद रूचि रखने वाले वर्नर हाइजेनबर्ग (Werner Heisenberg) भौतिकी की ओर अपने स्कूल के अंतिम दिनों में आकृष्ट हुए और फिर ऐसा कर गये जिसने प्रचलित भौतिकी की चूलें हिला दीं। वे कितने प्रतिभाशाली रहे होंगे और उनके कार्य का स्तर क्या रहा होगा, इसका अंदाज इस बात से लगता है कि जिस क्वांटम यांत्रिकी को उन्होंने मात्र 23 की उम्र में गढ़ा, उसके लिये उन्हें मात्र 31 वर्ष की उम्र में ही नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपने मौलिक चिंतन से हाइजेनबर्ग ने ने अनिश्चितता का सिद...
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'''वर्नर हाइजनबर्ग''' ([[जर्मन भाषा|जर्मन]]: Werner Heisenberg), जन्म: ५ दिसम्बर १९०१, देहांत: १ फ़रवरी १९७६) एक जर्मन सैद्धांतिक [[भौतिक विज्ञानी]] थे, जो क्वांटम यांत्रिकी में अपने मूलभूत योगदान के लिए जाने जाते हैं। उनके दिए गए [[अनिश्चितता सिद्धान्त]] को अब [[प्रमात्रा यान्त्रिकी|क्वांटम यांत्रिकी]] की एक आधारशिला माना जाता है।
 
गणित में बेहद रूचि रखने वाले वर्नर हाइजेनबर्ग (Werner Heisenberg) भौतिकी की ओर अपने स्कूल के अंतिम दिनों में आकृष्ट हुए और फिर ऐसा कर गये जिसने प्रचलित भौतिकी की चूलें हिला दीं। वे कितने प्रतिभाशाली रहे होंगे और उनके कार्य का स्तर क्या रहा होगा, इसका अंदाज इस बात से लगता है कि जिस क्वांटम यांत्रिकी को उन्होंने मात्र 23 की उम्र में गढ़ा, उसके लिये उन्हें मात्र 31 वर्ष की उम्र में ही नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
 
अपने मौलिक चिंतन से हाइजेनबर्ग ने ने अनिश्चितता का सिद्धांत(Uncertainty principle) प्र्स्तुत किया।इस सिद्धांत को उन्होंने इस प्रकार बताया:
 
यह पता कैसे चलेगा कि कोई कण (पार्टिकल) कहाँ है? उसे देखने के लिए हमें उसपर प्रकाश फेंकना पड़ेगा अर्थात हमें उसपर फ़ोटॉन डालने होंगे। जब फ़ोटॉन उस पार्टिकल से टकरायेंगे तब उस टक्कर के परिणामस्वरूप कण(पार्टिकल) की स्थिति परिवर्तित हो जायेगी। इस तरह हम उसकी स्तिथि को नहीं जान पाएंगे क्योंकि स्थिति को जानने के क्रम में हमने स्तिथि में परिवर्तन कर दिया।
== जीवन और वृत्ति==