"भारत की आधिकारिक भाषाएँ": अवतरणों में अंतर

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'''[[भारत]] की [[भारत की आधिकारिक भाषाएँ|आधिकारिक भाषा]]''', [[हिन्दी]] है और [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] सहायक या गौण आधिकारिक भाषा है; [[भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश|भारत के राज्य]] अपनी आधिकारिक भाषा (एँ) विधिक रूप से घोषित कर सकते हैं। नाही [[भारत का संविधान|भारतीय संविधान]] और ना कोई भारतीय कानून किसी [[राष्ट्रभाषा]] को परिभाषित करता है।
 
जिस समय संविधान लागू किया जा रहा था, उस समय अंग्रेज़ी आधिकारिक रूप से केन्द्र और राज्य दोनो स्तरों पर उपयोग में थी। संविधान द्वारा यह परिकल्पित किया गया था कि अगले १५ वर्षों में अंग्रेज़ी को चरणबद्ध रूप से हटा कर विभिन्न भारतीय भाषाओं, विशेषकर हिन्दी, को उपयोग में लाया जाएगा, लेकिन तब भी संसद को यह अधिकार दिया गया था की वह विधिक रूप से उसके बाद भी अंग्रेज़ी का उपयोग हिन्दी के साथ केन्द्र स्तर पर और अन्य भाषाओं के साथ राज्य स्तर पर चालू रख सकती है।
 
== संघ की आधिकारिक भाषाएँ ==
भारतीय संविधान द्वारा, १९५० में, [[देवनागरी|देवनागरी लिपि]] में लिखित हिन्दी को संघ की आधिकारिक भाषा घोषित किया। यदि संसद द्वारा अन्यथा निर्णय नहीं लिया जाता, तब १५ वर्षों बाद अर्थात [[२६ जनवरी]], [[१९६५]] को अंग्रेज़ी का उपयोग आधिकारिक कार्यों के लिए समाप्त होना था। लेकिन अहिन्दी-भाषी राज्यों में बदलाव की सम्भावना को चौकस कर दिया। परिणामस्वरूप संसद द्वारा आधिकारिक भाषा अधिनियम को अभिनीत किया गया, जिसमें आधिकारिक कार्यों के लिए अंग्रेज़ी के उपयोग को हिन्दी के साथ-साथ १९६५ के बाद भी जारी रखने को स्वीकृति दी गई।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==