"गोपीनाथ बोरदोलोई": अवतरणों में अंतर
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[[File:Lgb-airport.jpg|अंगूठाकार|'''लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा''', भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए प्रवेशद्वार और सबसे बड़ा हवाई अड्डा है।]]
'''गोपीनाथ बोरदोलोई''' ([[असमिया भाषा|असमिया]] : গোপীনাথ বৰদলৈ / गोपीनाथ बरदलै ; [[१८९०|1890-]]
भारत की स्वतंत्रता के बाद उन्होने [[वल्लभ भाई पटेल|सरदार वल्लभ भाई पटेल]] के साथ नजदीक से कार्य किया। उनके योगदानों के कारण असम [[चीन]] और [[पूर्वी पाकिस्तान]] से बच के भारत का हिस्सा बन पाया। वे [[१९ सितम्बर|19 सितंबर]], [[१९३८|1938]] से [[१७ नवम्बर|17 नवंबर]], [[१९३९|1939]] तक असम के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें सन् [[१९९९|1999]] में [[भारत रत्न|भारत रत्न]] से सम्मानित किया गया।
== जीवन ==
=== शिक्षा ===
[https://jivanihindi.com/gopinath-bordoloi-ki-jivani/ गोपीनाथ बोरदोलोई का जन्म] ६ जून १८९० को रहा नामक स्थान में हुआ था। इनके पिता का नाम बुद्धेश्वर बोरदोलोई और माता का नाम प्रनेश्वरी बोरोदोलोई था। जब गोपीनाथ जी मात्र १२ वर्ष के थे इनकी माता का देहांत हो गया। १९०७ में मेट्रिक पास करने के बाद इनको कॉटन कॉलेज (इंग्लैंड के कॉटन में रोमन कैथोलिक बोर्डिंग स्कूल) में दाखिला मिल गया। उन्होने १९०९ में प्रथम श्रेणी में आई. ऐ. पास किया और जाने-माने स्कोत्तिश चर्च कॉलेज, [[कोलकाता]] में प्रवेश लिया और १९११ में स्नातक की डिग्री ली। १९१४ में [[कलकत्ता विश्वविद्यालय|कोलकाता विश्वविद्यालय]] से ए॰ ऐ. किया। इन्होने ३ साल कानून (ला) की पढ़ाई की और बिना परीक्षा में बेठे ही वापस [[गुवाहाटी]] आ गए और फिर [[तरुण राम फुकन]] के कहने पर सोनाराम हाई स्कूल में प्रिसिपल की अस्थाई नौकरी कर ली। उसी दौरान इन्होने क़ानून की परीक्षा दी और पास भी हुए, १९१७ में गुवाहाटी में प्रक्टिस शुरू कर दी।
; विभिन्न सामाजिक कार्य
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