"एम्पीयर का नियम": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Ampere Andre 1825.jpg|right|thumb|200px|आन्द्रे मैरी अम्पीयर]]
[[चित्र:Electromagnetism.svg|250px|right|thumb|विद्युत धारा, चुंबकीय क्षेत्र पैदा करती है।]]
इस नियम का प्रतिपादन सन् १८२६ में [[आन्द्रे मैरी एम्पीयर]] (André-Marie Ampère) ने किया था। इस नियम में किसी बंद लूप पर समाकलित चुम्बकीय क्षेत्र एवं उस लूप से होकर प्रवाहित हो रही कुल [[धारा]] के बीच गणितीय सम्बन्ध स्थापित किया गया। [[जेम्स क्लर्क मैक्सवेल|जेम्स क्लार्क मैक्सवेल]] ने सन् १८६१ में इसे विद्युतगतिकीय सिद्धान्त से सिद्ध किया। वर्तमान में यह नियम [[मैक्सवेल के समीकरण|मैक्स्वेल के चार समीकरणों]] में से एक है।
 
== एम्पीयर का नियम (मूल रूप में) ==
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जहाँ
:<math>\textstyle \oint_C </math> बंद वक्र ''C'' के परितः [[रैखिक समाकलन]] (line integral) है;
:'''B''' [[टेस्ला]] में [[चुम्बकीय क्षेत्र|चुंबकीय क्षेत्र]] है;
:· अदिश गुणनफल (डॉट प्रोडक्ट) है;
 
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* [[आन्द्रे मैरी एम्पीयर]]
* [[मैक्सवेल के समीकरण]]
* [[चुम्बकीय क्षेत्र|धारा का चुंबकीय प्रभाव]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==