"फ़िक़्ह": अवतरणों में अंतर

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'''फ़िक़्ह''' ({{lang-ar|'''فقه'''}} ,''फ़िक़्ह'' या ''फ़िक़ः'') (Fiqh) '''''इस्लामी धर्मशास्त्र''''' (मज़हबी तौर-तरीके) को कहा जाता है।<ref name="Fiqh">[http://www.britannica.com/EBchecked/topic/207723/fiqh Fiqh] Encyclopædia Britannica</ref> फ़िक़्ह मुसलमानों के लिये [[इस्लाम|इस्लामी]] जीवन के हर पहलू पर अपना असर रखता है। जबकि [[शरीयाशरीयत|''शरियत'']] उस समुच्चय निति को कहते हैं। जो इस्लामी कानूनी, परंपराओं और इस्लामी व्यक्तिगत और नैतिक आचरणों पर आधारित होती है।
 
[[फ़िक़्ह]] इस्लामी न्यायशास्त्र के लिए शब्दावली है, जो इस्लामी न्यायविदों के फैसलों से बना है। इस्लामी अध्ययन का बुनियादी घटक, फ़िक़्ह उस पद्धति को विस्तार से बतलाता है जिसके जरिए से इस्लामी कानून को प्राथमिक और माध्यमिक स्रोतों से बाहर निकाला गया है।
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शरियत की निति को नींव बना कर न्यायशास्त्र के अध्य्यन को फ़िक़्ह या फ़िक़ह कहते हैं। फ़िक़्ह के मामले में इस्लामी विद्वानों की अलग अलग व्याख्याओं (तजवीज़) के कारण इस्लाम में न्यायशास्त्र कई भागों में बट गया और कई अलग अलग न्यायशास्त्र से संबंधित विचारधारओं का जन्म हुआ। इन्हें मज़हब कहते हैं। सुन्नी इस्लाम में प्रमुख मज़हब हैं:
 
* '''[[हनफ़ी पन्थ|हनफी]] मज़हब'''– इसके अनुयायी दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में हैं।
* '''मालिकी मज़हब'''–इसके अनुयायी पश्चिम अफ्रीका और अरब के कुछ हिस्सों में हैं।
* '''शाफ्यी मज़हब'''– इसके अनुयायी अफ्रीका पूर्वी अफ्रीका, अरब के कुछ हिस्सों और दक्षिण पूर्व एशिया में हैं।