"रघुराज प्रताप सिंह": अवतरणों में अंतर

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| caption = रघुराज प्रताप सिंह
| birth_date = [[१९६७|1967]]
| birth_place = [[उत्तर प्रदेश|उत्तरप्रदेश]], [[भारत]]
| residence = [[कुंडा]], [[प्रतापगढ़ जिला, उत्तर प्रदेश|प्रतापगढ़]], [[उत्तर प्रदेश]]
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'''कुँवर रघुराज प्रताप सिंह''' (जन्मः 31 अक्टूबर 1967, [[उत्तर प्रदेश]]) एक सुप्रसिद्ध [[भारतीय]] [[राजनेता]] है<ref name="रूपरेखा">{{cite news|title=रघुराज प्रताप सिंह: सारांश|publisher=|url=http://www.hinduonnet.com/thehindu/2004/03/17/stories/2004031701351200.htm}}</ref>, जो '''राजा भैया''' के नाम से भी प्रसिद्ध हैं।
 
सन 1993 से लेकर अब तक [[उत्तर प्रदेश]] के [[प्रतापगढ़ जिला, उत्तर प्रदेश|प्रतापगढ़ जिला]] के [[विधान सभा]] क्षेत्र [[कुंडा]] से निर्दलीय [[विधायक]] निर्वाचित किए जाते हैं। विधानसभा चुनाव 2012 में भी भारी मतों से जीतकर [[विधान सभा|विधानसभा]] सदस्य हैं।
राजा भैया का बसपा सरकार में
मुकदमे में मायावती ने जेल में भेज दिया था
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रघुराज का जन्म 31 अक्टूबर 1967 को [[प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश|प्रतापगढ़]] के भदरी रियासत में पिता श्री उदय प्रताप सिंह और माता श्रीमती मंजुल राजे के यहाँ हुआ। इनके दादा [[बजरंग बहादुर सिंह|राजा बजरंग बहादुर सिंह]], [[स्वतंत्रता सेनानी|स्वतंत्रता संग्राम सेनानी]] और [[हिमाचल प्रदेश]] के [[राज्यपाल]] थे। राघुराज के पिता राजा उदय प्रताप सिंह [[विश्व हिंदू परिषद]] व [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] के मानद पादाधिकारी रह चुके हैं। इनकी माता श्रीमती मंजुल राजे भी एक शाही परिवार की है। राजा भैया अपने परिवार के पहले ऐसे सदस्य थे जिन्होंने पहली बार राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया।
 
रघुराज प्रताप की प्राथमिक शिक्षा नारायणी आश्रम, [[इलाहाबाद]] के महाप्रभु बाल विद्यालय में हुआ। सन 1985 में भारत स्काउट एंड गाइड हाई स्कूल से दसवी तथा सन 1987 में इलाहाबाद के एक इंटरमीडिएट स्कूल से बारहवी की पढ़ाई की। [[लखनऊ विश्वविद्यालय]] से इन्होंने [[विधि|कानून]] में [[स्नातक]] की डिग्री हासिल की। घुड़सवारी और निशानेबाजी के शौकीन राजा भैया [[लखनऊ विश्वविद्यालय]] से मिलिट्री साइंस और [[मध्यकालीन भारत|भारतीय मध्यकालीन इतिहास]] में [[स्नातक]] हैं। राजा भैया के बारे में कहा जाता है कि वे [[सायकिल|साइकिल]] चलाने से लेकर [[हवाई जहाज]] उड़ाने तक का कारनामा करते हैं।
 
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया का विवाह [[बस्ती]] रियासत की राजकुमारी भान्वी देवी से हुआ। इनके दो पुत्र शिवराज एंव ब्रृजराज, दो पुत्रियाँ राधवी और ब्रृजेश्वरी है।
 
== राजनैतिक करियर ==
रघुराज प्रताप सिंह [[कुंडा]] की सीट से, स्वतंत्र पूर्वक सन् [[१९९३|1993]] में राज्य स्तरीय चुनाव में भाग लिया और विजयी होकर [[विधायक]] बने। तब वह सिर्फ 26 वर्ष के थे। सन् [[१९९९|1999]] में इण्डियन जनरल इलेक्शन में इन्होंने [[राजकुमारी रत्ना सिंह]] के खिलाफ (जो कि इसी परिवार से ही सम्बंधित हैं), अपने चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को उतार दिया। राजा भैया कद्दावर राजनेता छवि के प्रभाव से उनके भाई भी उस चुनाव में जीत गए थे।
 
राजा भैया ने [[१९९३|1993]] में हुए [[विधान सभा|विधानसभा]] चुनाव से [[कुंडा]] की राजनीति में कदम रखा था। तब से वह लगातार अजेय बने हुए हैं। उनसे पहले [[कुंडा]] सीट पर [[कांग्रेस]] के नियाज हसन का डंका बजता था। हसन [[१९६२|1962]] से लेकर 1989 तक [[कुंडा]] से पांच बार [[विधायक]] चुने गए।
 
राजा भैया [[१९९३|1993]] और [[१९९६|1996]] के [[विधानसभा चुनाव (भारत)|विधानसभा चुनाव]] में बीजेपी समर्थित, तो [[२००२|2002]] और [[२००७|2007]], [[२०१२|2012]] के चुनाव में एसपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए। राजा भैया, बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार और एसपी की [[मुलायम सिंह यादव|मुलायम सिंह]] सरकार में भी [[मंत्री]] बने। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट में खाद्य एवं रसद मंत्री है।
 
राजा भैया को सन 1997 में [[भारतीय जनता पार्टी]] के [[कल्याण सिंह]] के मंत्रीमंडल में कबानी मंत्री, वर्ष 1999 व 2000 में [[राम प्रकाश गुप्ता]] और [[राजनाथ सिंह]] के कैबिनेट में खेल कूद एंव युवा कल्याण मंत्री बनाया गया। साल 2004 में [[समाजवादी पार्टी]] के [[मुलायम सिंह यादव]] की सरकार में रघुराज प्रताप खाद्य एवं रसद विभाग के मंत्री बने।
 
[[१५ मार्च|15 मार्च]], [[२०१२|2012]] को राजा भैया पुनः उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट में कारागार एवं खाद्य एवं रसद मंत्री बने, लेकिन [[२ मार्च|2 मार्च]] 2013 को [[कुंडा]] में तीहरे हत्याकांड मामले में डी. एस. पी. जिया उल हक के हत्या मामले राजा भैया का नाम आने पर इन्होने [[४ मार्च|4 मार्च]], 2013 को मंत्री पद से इस्तिफा दे दिया। हालांकि बाद में [[केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो]] के प्रारंभिक जाँच में ही राजा भैया निर्दोष पाए गए और क्लोजर रिपोर्ट में इन्हें क्लीन चिट मिल गई। सी.बी. आई . की अंतरिम रिपोर्ट में राजा भैया को पूरी तरह क्लीन चिट मिल गयी और 11 अक्टूबर को उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने सम्मान सहित पुनः कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया और वर्तमान सरकार में रघुराज प्रताप सिंह खाद्य, रसद एवम् आपूर्ति विभाग के मंत्री हैं।
 
== सन्दर्भ ==