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''फ्रेडरिक एंगेल्स''' ([[२८ नवम्बर|२८ नवंबर]], [[१८२०]] – [[५ अगस्त]], [[१८९५]] एक [[जर्मनी|जर्मन]] [[समाजशास्त्र|समाजशास्त्री]] एवं [[दर्शनशास्त्र|दार्शनिक]] थे1 एंगेल्स और उनके साथी साथी [[कार्ल मार्क्स]] [[मार्क्सवाद]] के सिद्धांत के प्रतिपादन का श्रेय प्राप्त है। एंगेल्स ने 1845 में इंग्लैंड के मजदूर वर्ग की स्थिति पर ''द कंडीशन ऑफ वर्किंग क्लास इन इंग्लैंड'' नामक पुस्तक लिखी। उन्होंने मार्क्स के साथ मिलकर 1848 में [[कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणापत्र|कम्युनिस्ट घोषणापत्र]] की रचना की और बाद में अभूतपूर्व पुस्तक "पूंजी" '''[[दास कैपिटल]]''' को लिखने के लिये मार्क्स की आर्थिक तौर पर मदद की। मार्क्स की मौत हो जाने के बाद एंगेल्स ने पूंजी के दूसरे और तीसरे खंड का संपादन भी किया। एंगेल्स ने '''अतिरिक्त पूंजी के नियम''' पर मार्क्स के लेखों को जमा करने की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई और अंत में इसे पूंजी के चौथे खंड के तौर पर प्रकाशित किया गया।
 
== जीवनी ==
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=== इंग्लैंड ===
एंगेल्स के परिजनों ने उन्हें 1842 में 22 वर्ष की उम्र में [[इंग्लैण्ड|इंग्लैंड]] के मैंचेस्टर भेज दिया। यहां उन्हें एर्मन और एंगेल्स की विक्टोरिया मिल में काम करने के लिये भेजा गया था जो कपडे सीने के धागे बनाती थी। एंगेल्स के पिता का ख्याल था कि मैंचेस्टर में काम के दौरान वह अपने जीवन पर पुर्नविचार करेंगे। हालांकि इंग्लैंड जाते वक्त एंगेल्स राइनीश जेतुंग के दफ्तर होते गये थे जहां उनकी मार्क्स से पहली बार मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के दौरान मार्क्स ने एंगेल्स को अधिक गंभीरता से नहीं लिया क्योंकि मार्क्स का मानना थी कि एंगेल्स अभी भी हीगेलवादियों से प्रभावित हैं, जबकि मार्क्स उस समय तक हीगेलवादियों से अलग हो चुके थे।
 
मैंचेस्टर प्रवास के दौरान एंगेल्स की मुलाकात क्रांतिकारी विचारों वाली एक श्रमिक महिला [[मैरी बर्न्स]] से हुई और उनका साथ 1862 में बर्न्स का निधन हो जाने तक बना रहा। इन दोनों ने कभी भी विवाह के पारंपरिक बंधन में अपने रिश्ते को नहीं बांधा क्योंकि दोनो ही विवाह कहलाने वाली सामाजिक संस्था के खिलाफ थे। एंगेल्स एक ही जीवनसाथी के साथ जिंदगी बिताने के प्रबल पक्षधर थे लेकिन उनका मानना था कि विवाह चूंकि राज्य और चर्च द्वारा थोपी गयी एक व्यवस्था है इसलिये वह वर्गीय शोषण की ही एक किस्म है। बर्न्स ने एंगेल्स को मैंचेस्टर और सैल्फोर्ड के बेहद बदहाल इलाकों का दौरा भी कराया। मैंचेस्टर प्रवास के दौरान एंगेल्स ने अपनी पहली आर्थिक रचना '''आउटलाइन ऑफ अ क्रिटीक ऑफ पॉलिटिकल इकोनोमी''' लिखी। एंगेल्स ने इस लेख को अक्टूबर से नवंबर 1843 के बीच लिखा था जिसे बाद में उन्होंने पेरिस में रह रहे मार्क्स को भेज दिया। मार्क्स ने इन्हें '''डाउचे फ्रांसोइस्चे जारबखेर'''में प्रकाशित किया। एंगेल्स ने '''कंडीशन ऑफ इंग्लैंड''' नामक तीन हिस्सों वाली एक श्रृंखला भी जनवरी से मार्च 1844 के बीच लिखी।