"बृहद्देवता": अवतरणों में अंतर

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'''बृहद्देवता''' [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] में [[छन्दशास्त्र|छंदशास्त्र]] का एक प्राचीन ग्रंथ है। इसके रचयिता [[शौनक]] माने जाते हैं।
 
एक प्राचीन ग्रन्थ है, जिसका रचनाकार शौनक को माना जाता है। 6 वेदांगों के अतिरिक्त वेदों के ऋषि देवता, छन्द पद आदि के विषय में जो ग्रन्थ लिखे गये हैं, उनमें यह एक सर्वश्रेष्ठ, प्रसिद्ध और प्राचीन ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में प्रत्येक देवता का स्वरूप, स्थान तथा वैलक्षण्य का वर्णन किया गया है। महाभारत तथा बृहद्देवता की कुछ कथाओं में साम्य भी दिखाई देता है।श्लोक तथा अध्याय अनुमान है कि ईसा के पूर्व आठवीं शताब्दी में अर्थात् पाणिनी के पूर्व तथा यास्क के बाद इसकी रचना हुई है। मैकडोनल के मतानुसार ये शौनेक पुराणोक्त शौनक से भिन्न है। वैदिक देवताओं के नाम कैसे रखे गये, इसका विचार इसमें हुआ है।