"टाँका लगाना": अवतरणों में अंतर

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'''टाँका लगाना''' (Soldering), झालना, या राँजना, धातु के दो टुकड़ों को जोड़ने की एक विधि है। अनेक मिश्रधातुएँ, जो जोड़ लगाने में काम आती हैं, "टाँका" या "झाल" कहलाती हैं। टाँका देने की क्रिया केवल यांत्रिक ही नहीं हैं, क्योंकि जोड़ी जानेवाली धातुओं से झाल मिल जाती है और परिणामस्वरूप कोई नई [[मिश्रातु|मिश्रधातु]] बन जाती है।
 
== परिचय ==
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* '''जस्ता टाँका''' या '''पीतल टाँका''', जो विभिन्न अनुपातों में ताँबा और जस्ता मिलाकर बनाया जाता है। यह लोहा, ताँबा, पीतल और गनमेटल जोड़ने के लिये प्रयुक्त होता है।
 
* '''चाँदी का टाँका''' विभिन्न अनुपातों में [[चाँदी]] और [[ताम्र|ताँबा]] या [[पीतल]] मिलाकर बनाया जाता है। जहाँ बारीकी और सफाई की आवश्यकता होती है, यही प्रयुक्त होता है। यह भी [[लोहा]], [[इस्पात]], [[पीतल]] और [[गनमेटल]] जोड़ने के काम आता है।
 
'''कच्चा टाँका''' वह है जो बहुत कम ताप पर गलता है और प्राय: सभी धातुएँ जोड़ने के काम आता है। विभिन्न अनुपातों में [[टिन|राँगा]] और [[सीसा]] मिलाकर कच्चा टाँका बनाया जाता है। कुछ [[बिस्मथ]] मिला देने से [[गलनांक]] और भी कम हो जाता है।
 
जोड़ी जानेवाली धातुओं का संपर्क में आनेवाला भाग बहुधा मैल या आक्साइड के आवरण से ढका होता है। अत: टाँका लगाते समय प्राय: कुछ रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करना पड़ता है, जिनके बिना टाँका लगाना असंभव होता है। ये द्रावक (फ्लक्स) कहलाते हैं। पक्के टाँके में [[सुहागा]] काम आता है। कच्चे टाँके में विभिन्न धातुओं के लिये प्राय: सुहागा, नौसादर, यशद क्लोराइड, रेजिन, या चरबी का प्रयोग किया जाता है।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[वेल्डिंग|वेल्डन]] (Welding)
* [[ब्रेजिंग]]