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[[चित्र:Bamiyan Buddhas Burnes.jpg |thumb|right|200px|अलेक्जेंडर बर्नस द्वारा १८३२ में बना बामियान के बुद्ध का चित्रण।]]
''' बामियान के बुद्ध ''' चौथी और पांचवीं शताब्दी में बनी [[गौतम बुद्ध|बुद्ध]] की दो खडी मूर्तियां थी जो [[अफ़ग़ानिस्तान]] के [[बामयान]] में स्थित थी। ये काबुल के उत्तर पश्चिम दिशामें २३० किलोमीटर (१४० मील) पर, २५०० मीटर (८२०० फीट) की ऊंचाई पर थे। इनमेंसे छोटी मूर्ति सन् ५०७ में और बडी मूर्ति सन् ५५४ में निर्मित थी। ये क्रमश: ३५ मीटर (११५ फीट) और ५३ मीटर (१७४ फीट) की ऊंचाई की थी।<ref>{{cite web | url=https://www.unibw.de/bauv5/forschung/abgeschlossene_forschungsvorhaben/buddha | title=Untersuchung von Zustand und Stabilität der Felsnischen der Buddha-Statuen von Bamiyan | publisher=म्यूनिख का सैन्य विश्वविद्यालय | accessdate=२४ नवम्बर २०१७ |language=जर्मन}}</ref>
 
मार्च २००१ में अफ़ग़ानिस्तान के [[जिहाद|जिहादी संगठन]] [[तालिबान आन्दोलन|तालिबान]] के नेता मुल्ला [[मोहम्मद उमर]] के कहने पर [[डायनामाइट|डाइनेमाइट]] से उडा दिया गया। कुछ हफ्तों में [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] के दौरेपर [[अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात]] के दूत [[सईद रहमतुल्लाह हाशमी]] ने बताया कि उन्होने विशेष रूप से मूर्तियोंके रखरखाव के लिए आरक्षित अंतर्राष्ट्रीय सहायता का विरोध किया था जबकि अफ़ग़ानिस्तान अकाल का सामना कर रहा था।<ref>{{cite web | url=http://www.nytimes.com/2001/03/19/world/taliban-explains-buddha-demolition.html | title=Taliban Explains Buddha Demolition | publisher=[[दि न्यू यॉर्क टाइम्स]] | date=१९ मार्च २००१ | accessdate=२३ नवम्बर २०१७ | author=बार्बरा क्रोसेट}}</ref>
 
== इतिहास ==
 
[[File:Taller Buddha of Bamiyan before and after destruction.jpg|thumb|right|200px|१९६३ में बडी बुद्धमूर्ति और २००८ में विनाश के बाद।]]
बामयान एतिहासीक रूप से [[रेशम मार्ग]] पर स्थित नगर है जो [[हिन्दु कुश]] पर्वत श्रृंखलाओंके बामियान घाटी में बसा है। यहा कई बौद्ध विहार थे और इस कारण ये धर्म, दर्शन और कला के लिए संपन्न केंद्र के रूप में विकसीत हुआ। बौद्ध भिक्षु पास के गुफाओं में रहते थे और इन गुफाओं को शानदार और चमकीले रंग के भित्तिचित्रों के साथ सजाया गया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि ये भित्तिचित्र मूर्तियोंके बाद के कालखन्ड में बने है।<ref name="Warikoo">{{cite book | url=https://books.google.co.in/books?id=NsdvkRtAtusC&pg=PA111&dq=aurangzeb+bamiyan+buddha&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwjg2OO599bXAhXLqY8KHYtxBMIQ6AEIJTAA#v=onepage&q=aurangzeb%20bamiyan%20buddha&f=false | title=Bamiyan: Challenge to World Heritage | publisher=Pentagon Press | author=K. Warikoo | year=२००४ | pages=१११ | isbn=9788186505663}}</ref> यह दुसरी शताब्दी से एक बौद्ध धार्मिक स्थल था जब तक सातवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इस्लामी आक्रमण हुआ। जब तक ९वीं शताब्दी में मुस्लिम [[सफ़्फ़ारी राजवंश]] द्वारा पूरी तरह से कब्जा नहीं हुआ, तब तक बामयान ने [[गांधार (जनपद)|गांधार]] की संस्कृति साझा की। बामियान के बुद्धोंका उल्लेख कई चीनी, फ्रेंच, अफगान और ब्रिटिश खोजकर्ता, भूगोलिक, व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के कहानीयों में हुआ है। [[मुग़ल साम्राज्य|मुगल]] शासक [[औरंगज़ेब]] और फ़ारसी शासक [[नादिर शाह]]ने इन मूर्तियों पर हमला किया और उन्हे क्षतिग्रस्त किया।<ref>{{cite book | url=https://books.google.co.in/books?id=kPgZCAAAQBAJ&pg=PA143&dq=aurangzeb+bamiyan+buddha&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwjg2OO599bXAhXLqY8KHYtxBMIQ6AEIVDAJ#v=onepage&q=aurangzeb%20bamiyan%20buddha&f=false | title=Afghanistan: Identity, Society and Politics Since 1980 | publisher=I.B.Tauris | author=Micheline Centlivres-Demont | year=२०१५ | pages=१४३ | isbn=9781784530815}}</ref> बडी बुद्धमूर्ति का पैर टोडने के लिए औरंगज़ेब कुख्यात है।<ref name="Warikoo"/>
 
== बनावट ==