"एमिल सिलांपा": अवतरणों में अंतर
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'''फ्रांस एमिल सिलांपा''' (1888-1964) [[फ़िनलैण्ड|फिनलैंड]] के उपन्यासकार थे। 1939 ई० में [[साहित्य में नोबेल पुरस्कार]] विजेता।
{{ज्ञानसन्दूक लेखक
| नाम = एमिल सिलांपा
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== जीवन-परिचय ==
एमिल सिलांपा का जन्म 16 सितंबर 1888 को एक बेहद गरीब परिवार में हुआ। पिता दिहाड़ी मजदूर थे और मां नौकरानी। गरीबी की हालत यह थी कि [[फ़िनलैण्ड|फिनलैंड]] के भयानक सर्दी वाले वातावरण में पाला पड़ने से उनकी मामूली फसलें, बीज और पालतू पशु ही नहीं कई बच्चे भी मारे गए और कुदरत के चमत्कार से सिर्फ सिलांपा ही बच पाए। बालक सिलांपा को एक घुमंतू स्कूल मिला, जिसमें प्रारंभिक शिक्षा हुई। पढाई में होशियार सिलांपा को जल्दी ही एक नियमित विद्यालय मिल गया और गाड़ी चल पड़ी। अच्छी शिक्षा के लिए लोगों ने बालक को बाहर भेजने की सलाह दी और माता-पिता ने पेट काटकर बेटे को पढने के लिए शहर भेजा। सिलांपा ने अच्छे अंकों से 1908 में मैट्रिक पास की और किसी दयालु आदमी की दरियादिली के चलते हेलसिंकी विश्वविद्यालय में जीव- विज्ञान की पढाई शुरू कर दी। विश्वविद्यालय में दत्तचित्त होकर पढाई में जुटे सिलांपा को लेखक, कलाकर और बुद्धिजीवी दोस्तों की सोहबत मिली और वे पाठ्यक्रम के अलावा भी दूसरी किताबें पढ़ने लगे। पांच साल बाद सिलांपा को पता चलता है कि अभी परीक्षाएं दूर हैं और दानदाता अब सहायता करने में बिल्कुल असमर्थ है। बची-खुची रकम लेकर सिलांपा गांव लौटे तो देखा मां-बाप पहले से भी बुरे हालात में दिन काट रहे हैं। बेटा अब मां-बाप के साथ रहने लगा और कुछ मदद करने की सोचने लगा।
मां-बाप के कामकाज में हाथ बंटाते हुए सिलांपा ने एक दिन पड़ौस के गांव से लिखने के लिए कागज-लिफाफे खरीदे और छद्मनाम से एक कहानी लिखकर नजदीकी शहर के एक बड़े अखबार को भेज दी। चमत्कार की तरह कहानी अखबार के मुखपृष्ठ पर छपी और मेहनताना अलग मिला। उस अखबार में छद्मनाम से लिखने का सिलसिला चल पड़ा और एक नए प्रतिभाशाली लेखक की चर्चा आम हो गई, बस उसे ढूंढ़ने भर की देर थी। जल्द ही लोगों ने युवा लेखक सिल्लान्पा को ढूंढ़ निकाला। एक प्रकाशक ने आगे आकर अग्रिम राशि देकर सिलांपा को एक किताब लिखने के लिए अनुबंधित कर लिया। ऐसे ही चमत्कारों से भरे सिलांपा के जीवन में 1914 में एक गांव में एक नृत्य के दौरान एक लड़की सीग्रिड मारिया मिलती है, जो नौकरानी का काम करती है। मारिया और सिल्लान्पा के बीच प्रेम होता है और 1916 में दोनों विवाह कर लेते हैं। पच्चीस वर्षों के सफल वैवाहिक जीवन में मारिया आठ बच्चों की मां बनती है।
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