"चौसिंगा": अवतरणों में अंतर
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| image_caption = [[नर]] चौसिंगा
| image2 = Vierhornantilope.jpg
| image2_caption = [[लिंग|मादा]] चौसिंगा
| regnum = [[प्राणी|जंतु]]
| phylum = [[रज्जुकी]]
| classis = [[स्तनधारी|स्तनपायी]]
| ordo = [[सम-ऊँगली खुरदार|द्विखुरीयगण]]
| familia = [[:en:Bovidae|बोविडी]]
| subfamilia = [[:en:Bovinae|बोविनी]]
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'''चौसिंगा''', जिसे अंग्रेज़ी में [[:en:Four-horned Antelope|Four-horned Antelope]] कहते हैं, एक छोटा [[बहुसिंगा]] है। यह '''टॅट्रासॅरस''' प्रजाति में एकमात्र जीवित जाति है और [[भारत]] तथा [[नेपाल]] के खुले जंगलों में पाया जाता है। चौसिंगा [[एशिया]] के सबसे छोटे [[गोकुलीय]] [[प्राणी|प्राणियों]] में से हैं।
== विवरण ==
इसकी कंधे तक की ऊँचाई ५५-६४ से.मी. तक होती है और वज़न १७-२४ कि. तक होता है। इसकी खाल पीली-भूरी या लाली लिये हुये होती है जो पेट और अंदरुनी टांगों में सफ़ेद होती है। इसकी टांगों की बाहरी तरफ़ काले बालों की एक धारी होती है। [[लिंग|मादा]] के चार थन होते हैं जो कि उदर के बहुत पीछे की तरफ़ होते हैं।<ref name=Leslie2009>{{cite journal | author = Leslie, D.M. & Sharma K. | year = 2009 | title = ''Tetracerus quadricornis'' (Artiodactyla: Bovidae) | journal = Mammalian Species | volume = 843 | pages = 1–11 | doi = 10.1644/843.1 }}</ref><br />
इसका जो विशिष्ट चिन्ह होता है वह है इसके चार [[सींग]], जो जंगली [[स्तनधारी|स्तनपायी]] में अद्वितीय होता है और जिसकी वजह से इसका नाम पड़ा है। यह सींग केवल [[नर|नरों]] में पाये जाते हैं। प्रायः दो सींग कानों के बीच में तथा दो आगे की तरफ़ माथे में होते हैं। सींगों का पहला जोड़ा जन्म के कुछ माह में ही उग जाता है जबकि दूसरा जोड़ा १०-१४ माह की आयु में उगता है। अन्य बहुसिंगियों के विपरीत इनके सी़ंग नहीं झड़ते हैं हालांकि लड़ाई के दौरान यह क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। सब वयस्क नरों के सींग नहीं होते हैं, विशेषकर '''टॅट्रासॅरस क्वॉड्रिकॉरनिस सबक्वॉड्रिकॉरनिस''' उपजाति के नरों में, जिनके आगे के सींग की जगह बिना बालों वाले उभार ही होते हैं। पिछले सींग ७-१० से.मी. तक लम्बे होते हैं जबकि अगले सींग काफ़ी छोटे होते हैं और प्रायः २-५ से.मी. लम्बे होते हैं।<ref name=Leslie2009/>
== आवासीय क्षेत्र ==
[[चित्र:Tetracerus quadricornis map.png|thumb|चौसिंगे का आवासीय क्षेत्र]]
ज़्यादातर चौसिंगा भारत में ही पाया जाता है। छिट-पुट आबादी नेपाल के कुछ इलाकों में भी पाई जाती है। इनकी आबादी [[सिंधु-गंगा-ब्रह्मपुत्र
== उपजाति ==
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यह अपने इलाके में ही रहना पसन्द करता है तथा ज़्यादा विचरण नहीं करता है और ज़रुरत पड़ने पर अपने इलाके की रक्षा भी कर सकता है। प्रजनन ॠतु में नर अन्य नरों के प्रति आक्रामक हो जाता है। वयस्क एक दूसरे से या शावकों से सम्पर्क स्थापित करने के लिए या परभक्षी को देखने पर विभिन्न ध्वनियाँ निकालते हैं।
यह गन्ध के ज़रिए, अपने इलाके में [[मल]] त्याग करके या आँखों के सामने बनी गन्ध ग्रन्थियों को वनस्पती में रगड़कर भी एक दूसरे से सम्पर्क करते हैं।<ref name=Leslie2009/><br />
यह शाकाहारी प्राणी है जो कोमल पत्तियाँ, फल तथा फूल खाता है। हालांकि जंगलों में इसके आहार के बारे में सटीक तथ्य उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन कृत्रिम प्रयोगों के दौरान यह पाया गया है कि इसे [[आलू बुख़ारा]], [[आँवला|आंवला]], [[बहिनिया अकुमिनेटा|बहिनिया]] तथा [[बबूल]] के फल अधिक पसन्द हैं।<ref name=Leslie2009/>
== प्रजनन ==
[[चित्र:ChousinghaHead.jpg|left|thumb|चौसिंगा के सिर का रेखाचित्र]]
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