"उमर": अवतरणों में अंतर

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== मुहम्म्द साहब की वफ़ात (मृत्यु) ==
8 जून सन् 632 को पैगम्बर [[मुहम्मद]] साहबकी दुनियामृत्यु को अलविदा कहहो गये।गयी। उमर तथा कुछ लोग ये विश्वास ही ना रखते थे कि मुहम्मद साहब की मुत्यु भी हो सकती है। ये ख़बर सुनकर उमर अपने होश खो बैठे, अपनी तलवार निकाल ली तथा ज़ोर-ज़ोर से कहने लगे कि जिसने कहा कि नबी की मौत हो गई है मैं उसका सर तन से जुदा कर दूंगा। इस नाज़ुक मौके़ पर तभी हज़रत [[अबु बकर|अबू बक्र सिद्दीक]] ने मुसलमानों को एक खु़तबा अर्थात भाषण दिया जो बहुत मशहूर है:
{{quote| "जो भी कोई मुहम्मद की इबादत करता था वो जान ले कि वह वफ़ात पा चुके हैं, तथा जो अल्लाह की इबादत करता है ये जान ले कि अल्लाह हमेशा से ज़िन्दा है, कभी मरने वाला नहीं"}}
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{{quote| '''मुहम्मद नहीं है सिवाय एक रसूल के, उनसे पहले भी कई रसूल आये। अगर उनकी वफ़ात हो जाये या शहीद हो जाएं तो क्या तुम एहड़ियों के बल पलट जाओगे?'''}}
 
हज़रत अबु बक्र से सुनकर तमाम लोग गश खाकर गिर गये, उमर भी अपने घुटनों के बल गिर गये तथा इस बहुत बड़ें दु:ख को स्वीकार कर लिया।
 
== एक ख़लीफा के रूप में नियुक्ति ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/उमर" से प्राप्त