"खमेर लिपि": अवतरणों में अंतर

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'''खमेर लिपि''' (អក្ខរក្រមខេមរភាសា; - अक्खरक्रम खमेर फिआसा,भासा ; अनौपचारिक रूप से, अक्सर खमेर; / អក្សរខ្មែរ) [[कम्बोडिया]] की [[खमेर भाषा]] को लिखने में प्रयुक्त होने वाली [[लिपि]] है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि खमेर लिपि का विकास [[भारत]] की [[पल्लव लिपि]] ([[ग्रन्थ लिपि]]) से हुआ।
 
खमेर लिपि विश्व की सबसे वृहद वर्णमाला है (गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड्स, 1995). इसमें ३३ ब्यंजन, २३ स्वर तथा १२ स्वतंत्र स्वर हैं। जो २३ मुख्य ब्यंजन हैं उनको दो समूहों में बाँटा जा सकता है, प्रथम श्रेणी (लघु ध्वनि) तथा द्वितीय श्रेणी (दीर्घ ध्वनि) इसके अलावा इसके प्रत्येक ब्यंजन के दो रूप हैं - पहला, सामान्य रूप और दूसरा, ब्यंजन के नीचे वाला रूप। इसके अलावा इसके सर्वाधिक प्रयुक्त १० ब्यंजनों का एक 'औपचारिक रूप' भी है जो शीर्षक, विज्ञापन, [[मंदिर]] की दीवारों आदि पर लिखने के लिये प्रयुक्त होता है। इस प्रकार कुल १०१ अलग-अलग प्रतीक हैं।