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[[चित्र:Garden sundial MN 2007.JPG|thumb|upright|200px|क्षैतिज सौर घड़ी [[मिनेसोटा]] में। १७ जून १२:२१ बजे, ४४°५१′३९.३″उ, ९३°३६′५८.४″प.]]
'''सौर घड़ी''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:''सन डायल'') का प्रयोग [[सूर्य]] की दिशा से समय का ज्ञान करने के लिए किया जाता था। इन घड़ियों की कार्यशैली और क्षमता दिन के समय तक सीमित होती थी क्योंकि यह रात के समय काम नहीं कर पाती थीं। इसके फिर भी विश्व में समय जानने हेतु सबसे पहले इनका प्रयोग किया गया था। इन्हीं घड़ियों को आधार बनाकर समय बताने वाली अन्य घड़ियों का आविष्कार हुआ था।<ref name="हिन्दुस्तान ">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-103959.html सौर घड़ी]। हिन्दुस्तान लाइव। २८ मार्च</ref> भारत में प्राचीन [[वैदिक सभ्यता|वैदिक काल]] से सौर घड़ियों का प्रयोग होता रहा है। [[सूर्यसिद्धान्त|सूर्य सिद्धांत]] में सौर घड़ी द्वारा समय मापन के शुद्ध तरीके अध्याय ३ और १३ में वर्णित हैं।
 
== इतिहास ==
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== चित्र दीर्घा ==
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Image:Taipei101.Park.jpg|[[ताइपे]], [[ताइवान|ताईवान]] में मिलेनियम पार्क का सौर घड़ी रूप में प्रयोग होता है।{{coord|25|2|1|N|121|33|52|E|type:landmark|name=ताईपेई मिलेनियम पार्क}}
Image:Taipei101.Sundial.jpg|[[ताइपे १०१]] मीनार की छवि {{coord|25|2|1|N|121|33|52|E|type:landmark|name=Taipei 101 sundial park}}
Image:Jantar Mantar Delhi 27-05-2005.jpg|[[जंतर मंतर, दिल्ली|जंतर मंतर]] वेधशाला, [[दिल्ली]] एक गोलाकार सौर घड़ी का विशाल प्रतिरूप है
Image:Jantar Mantar in Jaipur giant sundial.jpg|[[जयपुर]] के [[जंतरजन्तर मंतर,मन्तर (जयपुर)|जंतर-मंतर]] में २७ मीटर ऊंचा [[जंतर मंतर, दिल्ली#सम्राट यंत्र|सम्राट यंत्र]], जिसकी छवि १ मि.मी. प्रति से. (लगभग ६ सें.मी प्रति मिनट) घूमती
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