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[[चित्र:Taifroad.jpg|thumb|230px|[[सरवात पहाड़ियाँ|सरवात पहाड़ियों]] में ताइफ़ जाती सड़क]]
'''ताइफ़''' (<small>[[अरबी भाषा|अरबी]]: {{Nastaliq|ur|الطائف}}, [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: Ta'if</small>) [[सउदी अरब]] के [[मक्का प्रान्त]] में स्थित एक शहर है। यह [[मक्का (शहर)|मक्का]] से १०० किमी दक्षिणपूर्व में [[सरवात पहाड़ियाँ|सरवात पहाड़ियों]] में १,८७९ मीटर (६,१६५ फ़ुट) की ऊँचाई पर बसा हुआ है और अपने लुभावने वातावरण के लिए जाना जाता है। इस शहर के मध्य में खुले क्षेत्रों में अंगूर और गुलाब उगाए जाते हैं और शहद भी बनाया जाता है।
 
== लोग ==
ताइफ़ शहर में अधिकतर [[सलफ़ी सुन्नी|सल्फ़ी]] [[मुसलमान|मुस्लिम]] रहते हैं। यहाँ [[भारतीय उपमहाद्वीप]],[[बांग्लादेश]], [[पाकिस्तान]],[[तुर्की]] और अन्य अरब देशों के भी कुछ लोग कार्यरत हैं।
 
== इतिहास ==
ताइफ़ क्षेत्र में ६वीं सदी ईसवी में [[बनू थ़कीफ़सक़ीफ़|बनू थ़कीफ़​]] (<small>Banu Thakif</small>, [[थ़|बिंदु वाले 'थ़' के उच्चारण]] पर ध्यान दें) क़बीले का ज़ोर था जो 'हवाज़िन' नामक [[बदू लोग|बदू क़बीले]] की उपशाखा थी। शहर के बीच में एक धार्मिक स्थल था जहाँ [[इस्लाम]]-पूर्व के मूल अरबी धर्म की '[[अल-लात|अल्लात देवी]]' (<small>{{Nastaliq|ur|اللات‎}}</small>) पूजी जाती थी, जिसे 'ताइफ़ की देवी' भी कहा जाता था। इस कारण से ताइफ़ एक तीर्थस्थल भी था। सन् ६३० में [[मुहम्मद|पैग़म्बर मुहम्मद]] की मुस्लिम फ़ौजों ने हुनैन के युद्ध में ताइफ़ के पास ही हुनैन में हवाज़िन क़बीले और उनकी उपशाखा बनू थ़कीफ़ से लड़ाई की। मुस्लिमों की जीत हुई और उन्होंने बढ़कर ताइफ़ को घेर लिया। कुछ देर तो ताइफ़ शहर अपनी रक्षा में डटा रहा लेकिन ६३१ में आत्म-समर्पण की सोचने लगा। उन्होंने मुस्लिम बनना स्वीकार लिया और मुहम्मद ने शहर में आकर अल्लात का मंदिर तुड़वा दिया।<ref name="ref95heroz">[http://books.google.com/books?id=ChVLAAAAMAAJ Lectures on the science of religion: with a paper on Buddhist nihilism, and a translation of the Dhammapada or 'Path of virtue'], Friedrich Max Muller, pp. 77, C. Scribner and company, 1872, ''... The same ancient name appears also in its feminine form as Allat. Her famous temple at Taif, in Arabia, was second only in importance to the sanctuary of Mekkah, and was destroyed at the command of Mohammed ...''</ref>
 
मध्यकाल में १५१७ में मक्का के शरीफ़ का यहाँ शासन था लेकिन उसने [[उस्मानी साम्राज्य]] के सुल्तान सलीम प्रथम को आत्म-समर्पण कर दिया। पूरे [[हिजाज़]] क्षेत्र में [[मक्का (शहर)|मक्का]] और [[मदीना]] के शहरों के साथ-साथ ताइफ़ भी उस्मानी साम्राज्य में आ गया। लगभग तीन शताब्दियों तक यह उस्मानियों के पास रहा। १८०२ में यहाँ अरब विद्रोह हुआ जिसके लड़ाके सउद परिवार के समर्थक थे। सउदियों ने ताइफ़ पर क़ब्ज़ा कर लिया लेकिन उस्मानी अपने आप पर मक्का-मदीना के रक्षक होने का गर्व करते थे और उन्होंने मिस्र में अपने अधीन राज्यपाल मुहम्मद अली से मदद लेकर १८१३ में ताइफ़ पर फिर से नियंत्रण ले लिया। उन्होंने शहर की काफ़ी मरम्मत करवाई और नया किला और सैनिक छावनी भी बनाई।
पंक्ति 30:
* [[सरवात पहाड़ियाँ]]
* [[मक्का प्रान्त]]
* [[बनू सक़ीफ़|बनू थक़ीफ़]]
 
== सन्दर्भ ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ताइफ़" से प्राप्त